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कर्फ्यू के साए में घाटी, प्रतिनिधिमंडल लौटा

२२ सितम्बर २०१०

भारत विरोधी प्रदर्शनों से सुलगने वाली कश्मीर घाटी का जायजा लेने पहुंचा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली लौटा. घाटी में 11वें दिन भी कर्फ्यू का सन्नाटा पसरा है. प्रदर्शनों में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 104 हो गई है.

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तस्वीर: UNI

केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के नेतृत्व में घाटी की स्थिति का जायजा लेने पहुंचा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लौट आया है. प्रतिनिधिमंडल में फूट पड़ने की भी रिपोर्टें थीं क्योंकि बीजेपी का आरोप है कि प्रतिनिधिमंडल में शामिल पार्टियां अपनी मनमर्जी से बातचीत कर रही हैं.

Srinagar, Sicherheitsvorkehrungen vor den Wahllokalen
तस्वीर: DW/Ashraf

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरंपथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी से दो बार बातचीत की और उदारवादी गुट के मीरवाइज उमर फारूक, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट यासीन मलिक और फ्रीडम पार्टी के शब्बीर शाह से मुलाकात की. वामपंथी नेताओं ने अलगाववादी नेताओं से बातचीत को अर्थपूर्ण करार दिया है. बातचीत में अलगाववादियों ने अपने रुख को फिर दोहराया और अब इंतजार है कि इस राजनीतिक कसरत का दिल्ली में क्या नतीजा निकलता है.

3 सितम्बर को बुडगाम जिले में एक युवक सज्जाद अहमद पंडित सुरक्षा बलों की फायरिंग में घायल हो गया था. बुधवार को अस्पताल में उसकी मौत हो गई. मंगलवार को घाटी में चरणबद्ध तरीके से कुछ देर के लिए ढील दी गई लेकिन बुधवार को फिर कर्फ्यू लगाने का फैसला ले लिया गया. कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने विरोध प्रदर्शनों के लिए साप्ताहिक कैलेंडर जारी किया हुआ है और उसी के मद्देनजर प्रशासन ने कर्फ्यू बढ़ाने का निर्णय किया.

हालांकि गिलानी ने लोगों से विरोध प्रदर्शन न करने का आह्वान करते हुए बुधवार को अपने जरूरी कामकाज निपटाने के लिए कहा. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार की रात शांति से गुजरी और घाटी में कानून व्यवस्था सामान्य और नियंत्रण में है. "घाटी में किसी अप्रिय घटना का समाचार अभी नहीं मिला है."

जिन इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है उनमें श्रीनगर सहित कश्मीर घाटी के सभी प्रमुख शहर शामिल हैं. श्रीनगर में कर्फ्यू 12 सितम्बर को लगाया गया था और उसके बाद भड़की हिंसा के चलते पूरी घाटी में इसे लागू कर दिया गया. 11 जून से ही घाटी हिंसक प्रदर्शनों के लपेटे में हैं. प्रदर्शन तब शुरू हुए जब भीड़ को तितर बितर करने के लिए चलाई गोली में 17 साल के एक किशोर की मौत हो गई.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: निर्मल