करकरे पर बयान के बाद बचाव की मुद्रा में दिग्विजय
२९ दिसम्बर २०१०हेमंत करकरे को लेकर दिए अपने बयान पर सफाई देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, "जब हिंदू संगठनों के सदस्यों को हेमंत करकरे ने मालेगांव धमाकों में पकड़ा तो मुस्लिमों ने चैन की सांस ली. उन्हें महसूस हुआ कि एक ईमानदार अधिकारी है जो उनके समुदाय पर लगे दाग को धोने के लिए आया है. ऐसे समय में जब सिर्फ मुस्लिम ही आतंकी घटनाओं में गिरफ्तार किए जा रहे हैं. उन्हें लगा कि करकरे में उन्हें भगवान का दूत मिल गया हो. करकरे की मुसलमान बहुत इज्जत किया करते थे."
इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि दिग्विजय सिंह ने हेमंत करकरे को ऐसा व्यक्ति बताया जो भगवान के रूप में आया जिसने मुस्लिम समुदाय को बदनाम होने से बचा लिया. मुंबई में एक किताब जारी करने के लिए हुए समारोह के दौरान यह भाषण दिया.
महाराष्ट्र की आतंक निरोधी शाखा के प्रमुख हेमंत करकरे मालेगांव बम धमाकों की जांच कर रहे थे जिसमें हिंदू संगठन अभिनव भारत के शामिल होने का शक है. हेमंत करकरे की 2008 में मुंबई हमलों के दौरान मौत हो गई थी.
दिग्विजय सिंह के इस बयान से कांग्रेस पार्टी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, "किसी भी धर्म में आप इंसान की तुलना भगवान से नहीं कर सकते. दिग्विजय सिंह ने इसे एक मुहावरे के तौर पर इस्तेमाल किया होगा."
वहीं भारतीय जनता पार्टी दिग्विजय सिंह के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि वह देश में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं. बीजेपी ने सोनिया गांधी से पूछा है कि क्या उन्हीं के कहने पर दिग्विजय सिंह ऐसे बयान दे रहे हैं.
बीजेपी प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी ने कहा, "कांग्रेस प्रवक्ता दिग्विजय सिंह ने एक और बयान दे दिया है. इसे किसी संदर्भ में समझ पाना कठिन है. उन्होंने कहा है कि करकरे मुस्लिमों के लिए भगवान थे. क्या करकरे हिंदुओं के लिए कुछ नहीं थे."
इससे पहले भी दिग्विजय सिंह आलोचना के घेरे में आए जब उन्होंने यह बयान देकर सबको चौंका दिया कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई हमले से कुछ घंटे पहले उन्होंने हेमंत करकरे से फोन पर बात की. दिग्विजय ने दावा किया कि हेमंत करकरे ने हिंदु संगठनों से मिल रही धमकी का जिक्र किया. हालांकि बाद में दिग्विजय फोन पर बातचीत का रिकॉर्ड दे पाने में असमर्थ साबित हुए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एन रंजन