'कप्तानी से मेरी बैटिंग पर असर नहीं'
५ दिसम्बर २०१०गंभीर ने जो शानदार नतीजे दिए हैं उससे सब हैरान हैं. वह न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले तीनों मैच जीत चुके हैं. सीरीज भी जीत चुके हैं और उन्होंने दो लगातार सेंचुरी भी बना डालीं. इन सबके बाद गंभीर कहते हैं कि उन्हें बड़ा मजा आ रहा है.
आमतौर पर बढ़िया बैट्समैन भी कप्तानी के बोझ तले रन बनाने बंद कर देता है. लेकिन गंभीर के साथ उलटा ही हो रहा है. वह पिछले कुछ समय से फॉर्म में नहीं थे. लेकिन कप्तानी मिलते ही उनके बल्ले से तो रन निकलने लगे हैं. गंभीर कहते हैं कि कप्तानी ने उनकी बैटिंग पर कोई असर नहीं डाला है. शनिवार को मैच जीतने के बाद उन्होंने कहा, "एक खिलाड़ी के तौर पर हो या एक कप्तान के तौर पर, मैंने अपना सौ फीसदी दिया है. कप्तानी ने मेरी बैटिंग को बदला नहीं है. मैं गेंद को बढ़िया तरीके से हिट कर रहा हूं. कप्तान कोई भी होता, मैं इसी तरह बैटिंग करता."
तीसरे वनडे मैच में गंभीर ने 126 रन की नाबाद पारी खेली. वह कहते हैं, "अपने देश के लिए खेलना आपके अंदर अच्छा करने का जज्बा पैदा करने के लिए काफी है. मैं हमेशा मानता हूं कि कप्तान उतना ही अच्छा होता है जितनी अच्छी उसकी टीम होती है. मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे इतने अच्छे खिलाड़ी मिले."
गंभीर ने अपने गेंदबाजों की जमकर तारीफ की. जहीर खान को तो उन्होंने इस वक्त का दुनिया का सबसे अच्छा खब्बू तेज गेंदबाज बताया. उन्होंने कहा कि जहीर का टीम में होना बहुत बड़ी बात है. गंभीर ने मुनाफ पटेल और आर अश्विन को भी जीत के श्रेय का हिस्सा दिया.
गौतम गंभीर ने माना कि उन्हें टॉस जीतने का फायदा हुआ. उन्होंने कहा, "जब वड़ोदरा में सुबह के वक्त ओस होती है तो काफी मदद मिलती है. यहां लाल मिट्टी है. इसलिए हमें टॉस जीतने का फायदा हुआ. हालांकि आप टॉस जीतो या हारो, आपको काम तो करते रहना होगा. हमारे गेंदबाजों ने उन्हें 224 पर रोक कर बढ़िया काम किया. असल में यह पूरी टीम की जीत है."
गौतम गंभीर को मैन ऑफ द मैच खिताब से नवाजा गया.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन