ओलंपिक संघ से बातचीत का स्वागत
८ मार्च २०१३भारत का मानना है कि इस कदम के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक खेलों में उसकी वापसी का रास्ता साफ हो पाएगा. भारतीय ओलंपिक संघ के चुनाव के बाद आईओसी ने उसकी मान्यता रद्द कर दी थी. पिछले साल दिसंबर में उठाए गए इस कदम के बाद भारतीय खिलाड़ी देश के झंडे तले ओलंपिक खेलों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
भारतीय खेल मंत्रालय के सचिव पीके देब को उम्मीद है कि ताजा बातचीत के प्रस्ताव के बाद भारत अंतरराष्ट्रीय खेलों में वापसी कर सकेगा, "यह निश्चित तौर पर एक सकारात्मक कदम है. मैं मानता हूं कि आईओसी के साथ यह इकलौती बैठक नहीं होगी, बल्कि इसके बाद भी कई बैठकें होंगी."
उन्होंने कहा कि भारत में संसद का सत्र चल रहा होगा, इस वजह से खेल मंत्री के वहां जाने के बारे में पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता लेकिन वह खुद स्विट्जरलैंड के लुजाने शहर जाएंगे.
आईओसी का मानना है कि राष्ट्रों के ओलंपिक संघों का काम स्वतंत्र रूप से किया जाना चाहिए और इसमें सरकारी दखल के बाद वह कई बार कई देशों के ओलंपिक संघ पर पाबंदी लगा चुका है. भारत पर पाबंदी के बाद उसे आईओसी से किसी तरह की वित्तीय मदद नहीं मिलेगी और पाबंदी वाले देश के खिलाड़ी अपने राष्ट्रीय ध्वज के तले ओलंपिक खेलों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. अगला ओलंपिक 2016 में ब्राजील में होना है.
भारत में पिछले साल हुए चुनाव में ललित भनोत को महासचिव चुना गया, जो भ्रष्टाचार के मामले में 11 महीने जेल में रह चुके हैं. वह फिलहाल जमानत पर हैं. आईओसी ने इस चुनाव को मानने से इनकार कर दिया था.
पिछले हफ्ते अंतरराष्ट्रीय संस्था ने भारत को एक पत्र लिख कर कहा कि वह भारतीय खेल मंत्री के साथ बैठक करना चाहता है, ताकि इस मामले को सुलझाया जा सके. पत्र में लिखा गया है, "हम आपसे अनुरोध करते हैं कि खेल मंत्री के साथ बातचीत करके एक तारीख तय करें, ताकि लुजाने में बैठक हो सके. लेकिन यह तारीख 31 मार्च 2013 के बाद नहीं होनी चाहिए. इस दिशा में आप अगले हफ्ते तक हमें अवगत कराएं."
आईओसी के पत्र में लिखा गया है कि जैसे ही कोई तारीख तय होगी, भारत के खेल मंत्री को आमंत्रण दिया जाएगा.
एजेए/आईबी (रॉयटर्स)