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ओबीसी के रास्ते मुसलमानों को आरक्षण देने की तैयारी

२८ जुलाई २०१०

सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रास्ते से मुसलमानों को आरक्षण देने के बारे में गंभीरता से सोच रही है. समझा जाता है कि अगले छह महीने में इससे जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया जाएगा.

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तस्वीर: AP

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने बताया, "हम सक्रिय तौर पर आरक्षण के मुद्दे पर विचार कर रहे हैं. हमने अपने घोषणापत्र में इसका वादा किया था. मैं इस दिशा में हमेशा काम करता रहता हूं. कांग्रेस नेतृत्व इस इसके लिए वचनबद्ध है. इस बारे में कोई संदेह नहीं है." खुर्शीद रंगनाथ मिश्रा आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे.

पिछले साल दिसंबर में इस आयोग की रिपोर्ट को संसद में रखा गया था. इसमें सरकारी नौकरियों में मुसलमानों को 10 प्रतिशत और दूसरे अल्पसंख्यकों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की गई है. आयोग ने 15 प्रतिशत आरक्षण देने में मुश्किल आने की स्थिति में दूसरे विकल्प भी सुझाए हैं.

मंडल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी में अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी 8.4 प्रतिशत है. इसलिए ओबीसी को मिले 27 प्रतिशत आरक्षण में 8.4 प्रतिशत हिस्सा अल्पसंख्यकों को दिया जाए जिसमें छह प्रतिशत मुसलमानों के लिए होना चाहिए.

खुर्शीद का कहना है, "मिश्रा आयोग कह रहा है कि या तो आप उन्हें 15 प्रतिशत आरक्षण दें या फिर 27 प्रतिशत में हिस्सेदारी. हम दूसरे विकल्प के बारे में सोच रहे हैं." उन्होंने कहा कि मुसलमानों में पिछड़नेपन का जायजा लेने वाली सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में भी दूसरे विकल्प का सुझाव दिया गया है.

जब खुर्शीद से पूछा गया कि क्या यूपीए सरकार मुसलमानों को 15 प्रतिशत आरक्षण देने की संभावना से इनकार कर रही है तो उन्होंने कहा, "पहले विकल्प से इनकार करने की बात नहीं है. हम दूसरे विकल्प की ओर जा रहे हैं."

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर अकेला उनका मंत्रालय फैसला नहीं ले सकता. इस बारे में वह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से बात कर रहे हैं. इसी साल मई में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुसलमानों के एक प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया था कि उन्हें आरक्षण देने की औपचारिकताओं को अगले छह महीनों में पूरा कर लिया जाएगा.

समझा जाता है कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु की तरह मुसलमानों को अलग से आरक्षण देने के हक में है. तमिलनाडु में 27 प्रतिशत ओबीसी कोटे में मुसलमानों को 3.5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है जबकि कांग्रेस शासित आंध प्रदेश में उन्हें 4 प्रतिशत आरक्षण मिला है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एन रंजन