ऑस्ट्रेलिया धराशायी, इंग्लैंड वर्ल्ड चैंपियन
१६ मई २०१०ऑस्ट्रेलिया पहले खेलते हुए 147 रन ही बना पाई. जवाब में इंग्लैंड की शुरुआत ख़राब रही. लुम्ब 2 रन पर ही आउट हो गए. लेकिन कीज़वॉटर ने पीटरसन के साथ मिलकर इतिहास रचा और इंग्लैंड को जीत के बेहद क़रीब पहुंचाया. कीज़वॉटर ने 63 रन और पीटरसन ने 47 रन ठोंके. रही सही कसर कॉलिंगवुड और मोर्गन ने पूरी की और इंग्लैंड को यादगार जीत दिला दी.
टी-20 वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को शुरूआती झटके दिए. साइडबॉटम और स्वान की घातक गेंदबाज़ी ने कंगारुओं के शीर्ष क्रम को ध्वस्त किया.
फाइनल के प्रतिष्ठित और अहम मुक़ाबले में इंग्लैंड के कप्तान पॉल कोलिनवुड ने टॉस जीता. पिच रिपोर्ट में कहा गया था कि शुरूआत में बल्लेबाज़ों को मुश्किल होगी, लिहाज़ा इंग्लिश कप्तान ने गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया.
कट्टर प्रतिद्वंदी इंग्लैंड के खिलाफ़ वाटसन और वार्नर ने मोर्चा संभाला. गेंद साइटबॉटम में हाथ में थी. पहले ओवर की तीसरी ही गेंद पर वाटसन कैच थमा बैठे. वह सिर्फ़ दो रन बना सके थे. दूसरे ओवर में वाटसन के जोड़ीदार वार्नर पैवेलियन लौट गए. लंब के शानदार थ्रो ने उनकी गिल्लियां हवा में बिखेरी. ऑस्ट्रेलियाई पारी दो ओवर में सात रन के स्कोर पर दो झटके खाने के बाद भी नहीं संभली.
तीसरा ओवर फिर साइडबॉटम ने फेंका और ब्रैड हैडिन का विकेट निकाल ले गए. इसके बाद कप्तान माइकल क्लार्क और डेविड हसी मैदान पर आए. कप्तान क्लार्क ने टीम को संभालने की बहुत कोशिश की लेकिन 27 रन बनाते ही वह स्वान का शिकार बन गए. दस ओवर तक ऑस्ट्रेलियाई टीम चार विकेट खो चुकी थी और स्कोरबोर्ड पर सिर्फ़ 47 रन जुड़े थे. इंग्लैंड के गेंदबाज़ों ने ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज़ों को पानी पिला दिया.
लेकिन इसके बाद टीम को एक बार फिर संभाला डेविड हसी और व्हाइट ने. दोनों ने तेज़ी से रन बनाए और विकेट गिरने पर कुछ देर तक रोक लगा दी. दोनों ने पारी के 13वें ओवर में माइकल यार्डी की गेंदों पर 21 रन ठोंक दिए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए जमाल