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ऑस्ट्रिया है भ्रष्टाचार का गढ़ः ओईसीडी

७ अगस्त २०१०

आर्थिक सहयोग व विकास संगठन ओईसीडी ने कहा है कि ऑस्ट्रिया में भ्रष्टाचार जमकर फल फूल रहा है. भ्रष्टाचार मामलों के विशेषज्ञ मार्क पीथ ने कहा है कि घूसखोरी औऱ धोखाधरी से लड़ने के मामले में ऑस्ट्रिया ने लापरवाही दिखाई है.

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तस्वीर: AP

पिछले दिनों देश के मृत दक्षिणपंथी नेता यौर्ग हाइडर का लाखों का संदिग्ध खाता लिष्टेनश्टाइन में होने की खबर आई थी. अटकलें लगाई जा रही है कि धन देने वाले मुआम्मर अल गद्दाफी और सद्दाम हुसैन हो सकते हैं. हालांकि इसके ठोस सबूत नहीं हैं, लेकिन मीडिया रिपोर्टों में ऑस्ट्रिया की न्याय व्यवस्था और ढीले पार्टी कानून की कड़ी आलोचना की गई है.

मार्क पीथ का कहना है कि ऑस्ट्रिया के अभियोक्ता और अदालतें सीमापारीय भ्रष्टाचार से लड़ने के मामले में पर्याप्त भरोसेमंद नहीं हैं. पीथ ने कहा, "मैं विदेशी घूसखोरी के लिए सजा देने में दृढ़ता का अभाव देखता हूं." उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ने के मामले में ऑस्ट्रिया सबसे खराब एक तिहाई देशों में शामिल है.

भ्रष्टाचार विशेषज्ञ ने अपने आरोपों के उदाहरण के रूप में इराक के लिए फूड फॉर ऑयल कार्यक्रम का नाम लिया. संयुक्त राष्ट्र का यह कार्यक्रम इराक के लोगों की मदद के लिए था. 1996 से 2003 तक चला यह कार्यक्रम व्यापक घूसखोरी की वजह से बदनाम हो गया था. इसमें बहुत से ऑस्ट्रियाई उद्यम भी शामिल थे, लेकिन उनके खिलाफ कभी कोई जांच नहीं की गई.

बाजेल विश्वविद्यालय में अपराध शास्त्र के प्रोफेसर के रूप में काम करने वाले मार्क पीथ का कहना है कि 2009 से लागू ऑस्ट्रिया का भ्रष्टाचार कानून ओईसीडी की मांगों के अनुरूप नहीं है. पीथ का कहना है कि ख़ासकर पू्र्वी यूरोप के लिए महत्वपूर्ण भूमिका के चलते ऑस्ट्रिया में भ्रष्टाचार बेरोकटोक जारी है.

जर्मनी में कैथोलिक राहत संस्था मिजेरेओर ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सख्त नियंत्रण का पक्ष लिया है. संगठन के महानिदेशक योजेफ जायर ने कहा है कि भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के हनन के मामलों की कड़ाई से जांच होनी चाहिए और सजा दी जानी चाहिए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: एस गौड़