1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ऑस्ट्रिया के नतीजों को अदालत में चुनौती

ओएसजे/वीके (रॉयटर्स, एएफपी)८ जून २०१६

अस्ट्रिया की अति दक्षिणपंथी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनावों के नतीजे को चुनौती दी है. संवैधानिक कोर्ट ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी ने "भयानक गड़बड़ी" का आरोप लगाया है.

https://p.dw.com/p/1J2W0
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Zak

फ्रीडम पार्टी ऑस्ट्रिया (एफपीओ) के नेता क्रिस्टियान नॉएविर्थ ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. ट्वीट के मुताबिक, "हाइंज-क्रिस्टियान श्ट्राखे की संघीय राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे को दी गई चुनौती संवैधानिक कोर्ट में पहुंच गई है."

मई में हुए चुनावों में ग्रीन पार्टी के पूर्व नेता अलेक्जांडर फान डेय बेलेन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे. और उन्होंने बहुत कम अंतर से एफपीओ के उम्मीदवार नॉबेर्ट होफर को हरा दिया. जीत का अंतर एक फीसदी से भी कम था. हार जीत के बीच करीब 31,000 वोटों का फासला रहा.

एफपीओ के नेता हाइंज-क्रिस्टियान श्ट्राखे ने राजधानी वियना में ऐलान किया, "हम हार से खीझे लोग नहीं हैं. यह लोकतंत्र की नींव की रक्षा करने वाली बात है." ज्यादा जानकारी न देते हुए उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि इतने बड़े स्तर पर गड़बड़ी डरावनी बात है, "इन गड़बड़ियों के बिना होफर राष्ट्रपति बन सकते थे."

Österreich Präsidenten-Wahl 2016 Alexander Van der Bellen & Norbert Hofer
बेलेन (बाएं) और होफरतस्वीर: Reuters/H.P. Bader

चुनाव के नतीजे 22 मई को आए. चुनाव से ठीक पहले हुए सर्वेक्षण में होफर को हल्की बढ़त मिली बताई गई थी. लेकिन वोटों की गिनती के फान डेय बेलेन ने बाजी मारी और राष्ट्रपति पद की शपथ ली. तभी से एफपीओ धांधली की शिकायत कर रही है.

ऑस्ट्रिया में राष्ट्रपति के पास बहुत ज्यादा शक्तियां नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद वहां के राष्ट्रपति चुनावों पर पूरे यूरोप की नजरें टिकी थीं. अगर होफर चुनाव जीत जाते तो वह यूरोपीय संघ के किसी भी सदस्य देश के पहले अति दक्षिणपंथी राष्ट्रपति होते. होफर ने शरणार्थी संकट को बड़ा मुद्दा बनाया था और सीमा बंद करने जैसे वादे किये थे.