ऑक्टोपस की भविष्यवाणी, इस बार स्पेन जीतेगा
७ जुलाई २०१०मंगलवार को जर्मनी के दो राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों ने अपने कार्यक्रम को बीच में रोक कर ऑक्टोपस पॉल का लाइव प्रसारण शुरू कर दिया. लेकिन जैसे ही पॉल ने स्पेन का डिब्बा खोला, कई लोगों का डिब्बा गुल हो गया.
जर्मनी के मशहूर समाचारपत्र बिल्ड ने लिखा कि "यह अच्छा शगुन नहीं है." ओबरहाउजन शहर के सीलाइफ की प्रवक्ता तान्या मुनसिग ने कहा, "पॉल ने जब स्पेन का डिब्बा चुना, तो हम बिलकुल सहम गए. लेकिन सिर्फ इनसान ही नहीं, जानवर भी गलती करते हैं. मुझे उम्मीद है कि यह पॉल की गलती रही होगी."
इस ऑक्टोपस ने अब तक जर्मनी के सारे मैचों की सही भविष्यवाणी की है. इसने जर्मनी और अर्जेंटीना के मैच के दौरान जर्मनी का डिब्बा चुना था, जिसमें जर्मनी की जीत हुई. उससे पहले जर्मनी और सर्बिया के मैच में सर्बिया का डिब्बा चुना था, जिसमें जर्मनी हार गया था. इसके बाद से जर्मनी के लोग इस ऑक्टोपस पर खास नजर रखने लगे हैं.
जर्मनी के सेमीफाइनल मैच से पहले मंगलवार को भी पॉल ऑक्टोपस के एक्वेरियम में दो डिब्बे डाले गए. एक में स्पेन का झंडा लगा था और दूसरे में जर्मनी का. पॉल ने पहले जर्मनी के डिब्बे का रुख किया और लगा कि वह इस डिब्बे को खोलेगा लेकिन वह अचानक पलट गया और स्पेन के डिब्बे पर जा बैठा. उसने उसी डिब्बे को खोल कर अपना खाना लिया. कुछ लोग ऑक्टोपस को सबसे समझदार जंतुओं में गिनते हैं.
जैसे ही पॉल स्पेनी झंडे वाले डिब्बे पर बैठा, वहां जमा लोगों ने सिर थाम लिया. कुछ को उम्मीद है कि पॉल भी गलती कर सकता है. उसने 2008 में यूरो कप के मैचों के दौरान भी भविष्यवाणियां की थीं और एक बार गलत साबित हुआ था. यूरो कप 2008 का फाइनल मैच भी स्पेन और जर्मनी के बीच खेला गया था. उस वक्त इस ऑक्टोपस ने जर्मनी का डिब्बा चुना था लेकिन जीत स्पेन की हुई थी. सीलाइफ की प्रवक्ता का कहना है कि हो सकता है कि ऑक्टोपस स्पेन को झूठी तसल्ली दे रहा हो. पॉल ने अब तक 10 बार भविष्यवाणी की है, जिसमें से वह नौ बार सही साबित हुआ है. इस तरह उसका स्कोर 9-1 है.
पूरी दुनिया में इस ऑक्टोपस की चर्चा है और इसकी वजह से जर्मनी के लोग थोड़ा बहुत अंधविश्वास में उतरने लगे हैं. जर्मन टीम के कोच योआखिम लोएव जिस मैच में नीली रंग की स्वेटर पहन कर जा रहे हैं, जर्मनी उसे अच्छे खासे अंतर से जीत रहा है. टीम के सदस्यों ने कहा है कि वे सेमीफाइनल में भी वही नीली स्वेटर पहनें और उसे धोएं भी नहीं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः वी कुमार