ऐसे शुरू होती हैं वैश्विक दोस्तियां
२७ जून २०१०अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने अपने खास रिश्तों की शुरुआत वर्ल्ड कप पर बाज़ी लगाने के बाद बीयर की बोतलें अदल बदल कर की. मेक्सिको की खाड़ी में ब्रिटिश तेल कपंनी बीपी के तेलनिकासी प्लैटफॉर्म के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद ओबामा ने हर्ज़ाने पर कड़ा रुख अपनाया है और उसके कारण ब्रिटेन के साथ संबंधों में खटास की बात की जा रही थी.
जी-20 शिखर बैठक में भाग लेने जा रहे दोनों नेता ओबामा के हेलिकॉप्टर में टोरंटो गए क्योंकि कैमरन के हेलिकॉप्टर में तकनीकी समस्या हो गई थी. कैमरन के सत्ता में आने के बाद ओबामा से हुई पहली भेंट में दोनों नेताओं ने वर्ल्ड कप पर लगे दांव पर बीयर की बोतलें बदलीं. 12 जून को अमेरिका और ब्रिटेन का मैच हुआ था जिसके लिए दोनों ने अपनी अपनी टीमों की जीत की बात कही थी, लेकिन मैच ड्रॉ रहा था. .
ओबामा ने कैमरन को अपने गृहनगर शिकागो में बनने वाले गूज आइलैंड 312 की एक बोतल दी जबकि कैमरन ने ओबामा को लंदन के पश्चिम में स्थित अपने चुनावक्षेत्र ऑक्सफ़र्डशर में बनने वाली होबगोब्लीन की एक बोतल दी. बाद में राष्ट्रपति ने मज़ाक किया, मैंने उन्हें सलाह दी कि अमेरिका में हम ठंडी बीयर पीते हैं, इसलिए उन्हें बीयर पीने से पहले बोतल को फ़्रिज़ में रखना होगा.
दोनों देशों के संबंधों पर ओबामा ने कहा कि उन्होंने और कैमरन ने "मजबूत कामकाजी संबंध बनाए हैं और उन्हें विश्वास है कि खास रिश्ते आने वाले महीनों और सालों में और मजबूत होंगे." कैमरन ने राष्ट्रपति से सहमत होते हुए कहा, "दोनों देशों के संबंध बेहद मजबूत हैं और उनकी में राय आने वाले वर्षों में और मजबूत हो सकते हैं."
ब्रिटेन अमेरिका का निकट सहयोगी है और अफ़ग़ानिस्तान में चल रहे आतंकवादविरोधी संघर्ष में उसने अमेरिका के बाद सबसे अधिक सैनिकों को वहां भेजा है. दोनों नेताओं ने हाल में अमेरिकी जनरल स्टैनली मैकक्रिस्टल की बर्खास्तगी और तेल कंपनी बीपी पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन बाद में ब्रिटिश प्रधानमंत्री के कार्यालय ने कहा कि बीपी के मामले पर चर्चा हुई और दोनों पक्ष इस पर सहमत रहे कि उसे मजबूत और स्थिर रहना चाहिए.
विवाद का एक मुद्दा सुलझा और अब जब 20 जुलाई को प्रधानमंत्री कैमरन अपने पहले अमेरिका दौरे पर वाशिंगटन पहुंचेंगे तो ठंडी अमेरिकी बीयरों के साथ नई दोस्ती को और गरमाहट मिलने की उम्मीद है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एन रंजन