ऐसे भी हैं घर
कच्चे मकान, पक्के मकान और बहुत से बहुत हाउस बोट. चलते फिरते मकान भी देखें हैं आपने?
हल्का फुल्का सा
इन दिनों जो लोग घर बनाने के लिए भारी लोन की रकम में दबना नहीं चाहते, वो दूसरे जुगाड़ करते दिखाई दे रहे हैं. हल्के फुल्के चलने फिरने वाले मकान के बारे में क्या ख्याल है. और आस पड़ोस ना पसंद आए तो कहीं और लगाइए अपनी गाड़ी.
एक छत बस अपनी
हर किसी का सपना होता है, खुद की एक छत. जर्मनी में सिंगल परिवारों वाले छोटे मकान काफी चलन में हैं. हालांकि हैम्बर्ग, म्यूनिख और डुसेलडॉर्फ जैसे बड़े शहरों में यही घर अच्छे खासे महंगे भी पड़ते हैं.
मिट्टी से जुड़ा घर
अमेरिका में कई लोग दोबारा मिट्टी के घरों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. कुदरत की गोद में बैठे से लगने वाले ये घर मिट्टी, पुराने सामान और लकड़ी की मदद से तैयार किए जा रहे हैं.
कहानियों का घर
जी नहीं, ये फिल्म लॉर्ड ऑफ द रिंग्स के सेट की तस्वीर नहीं है. वेल्स में यह घर असल में मौजूद है, जो प्रकृति के सानिध्य में जीने का मौका देता है.
पानी के बीच
अम्सटरडम और हैम्बर्ग में कई लोग पानी के बीच रहना पसंद करते हैं. हालांकि इस तरह के मकानों को तैयार करने और जरूरत की सारी चीजें मुहैया कराने में काफी पैसा खर्च होता है.
औद्योगिक जीवन
बंदरगाह के इलाकों में हवा में झूलते कंटेनरों का दिखाई देना आम बात है. लेकिन ये कंटेनर ही आरामदेह घर भी हो सकते हैं. आर्किटेक्चर के प्रोफेसर नीदरलैंड्स के हान स्लाविक इस तरह के मकान बनाने वाले पहले व्यक्ति थे.
बक्सा नुमा घर
हान स्लाविक के डिजाइन किए हुए ये बक्से की शक्ल वाला घर हैनोवर में है. यह चार लोगों वाले एक परिवार के लिए काफी है. जर्मनी में इस तरह के मकान अभी भी कम ही दिखाई देते हैं लेकिन नीदरलैंड्स में छात्रों के बीच ये आम हैं.
पड़ोसियों के साथ
बॉन का यह कॉंम्प्लेक्स अमारिलिस नाम से जाना जाता है. यह ऐसा इलाका है जहां कई पीढ़ियां एक साथ रह रही हैं. सबके अपने अपने मकान हैं लेकिन गाड़ियां और गार्डन अक्सर लोग आपस में साझा करते हैं.