ऐसा दिखता है अलग थलग देश उत्तर कोरिया
पत्रकारों की एक टीम ने एक हफ्ते तक उत्तर कोरिया का दौरा किया, उनके साथ अधिकारी भी थे जो तस्वीरों पर नजर बनाए हुए थे और यह सुनिश्चित कर रहे थे कि किसी भी नागरिक का साक्षात्कार न हो. और एक तन्हा देश खुद बखुद खुलता गया.
सड़क पर
समाचार एजेंसी एपी के पत्रकारों ने 2,150 किलोमीटर का सफर तय किया, इस देश में मात्र 25,000 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं, जिनमें केवल 724 ही पक्की हैं. वहां से वे रहस्यमयी देश उत्तर कोरिया की जिंदगी की तस्वीरों के सबूत के साथ लौटे. इस तस्वीर में उत्तर कोरिया के उत्तरी प्रांत ह्वांगे में एक महिला.
आग पर पकता खाना
रयांग्यांग प्रांत के समजियोन में आग जलाकर आलू और चिकन भूनता एक उत्तरी कोरियाई नागरिक. उत्तर कोरिया के बारे में दुनिया को बहुत कम पता है. लेकिन एपी के पत्रकारों को उत्तर कोरिया में दाखिल होने की इजाजत दी गई और उन्हें तय जगहों की यात्रा करने की छूट दी गई.
क्रांति पहाड़ी
उत्तर कोरिया के रयांग्यांग प्रांत में माउंट पेक्टू की चोटी के रास्ते के पास पड़ा एक पत्थर. उत्तर कोरियाई माउंट पेक्टू की प्राकृतिक सौंदर्य के लिए सम्मान करते हैं. यहां से उत्तर कोरिया की क्रांति भी शुरू हुई थी इसलिए इसका अहम स्थान है.
राजधानी से रवानगी
रयांग्यांग प्रांत के किसान. पत्रकारों की टीम में शामिल सदस्य एरिक टैलमैज कहते हैं, "प्योंगयांग से बाहर निकलने के लिए हमने बसों, कारों, स्ट्रीटकार और रंगबिरंगी नई टैक्सियों का सहारा लिया. जो पिछले कुछ सालों में यह आम हो गई है."
प्योंगयांग के बाहर
उत्तर कोरिया के उत्तरी हमग्यांग प्रांत में स्कूली बच्चे गांव की सड़कों में गड्ढे को भरने में मदद करते हुए. देश का सबसे अच्छा मार्ग 200 किलोमीटर लंबा हाइवे है जो राजधानी को पूर्वी तटीय शहर वोनसान से जोड़ता है.
अजीब सी शांति
उत्तर हमग्यांग प्रांत के किमचैक शहर में नदी के किनारे उत्तर कोरियाई नागरिक चलते हुए. कभी पूर्वी तट से लगे कोयला खनन शहर किल्जू और किमचैक उत्पादक शहर हुआ करते थे लेकिन अब यहां खाली पड़े लोहे के कॉमप्लेक्स हैं. यहां इन ढांचों में जंग लग गया और ये भूरे हो गए हैं.
छिपी गरीबी
वोनसान में एक रेस्तरां में दोपहर के भोज के बाद बचा हुआ खाना. पूरी यात्रा के दौरान सरकारी "ध्यान रखने वाले" पत्रकारों के साथ थे. विदेशी पर्यटकों की तरह, एपी की टीम भी केवल नागरिक अभावों के अनुभवों के निशान देख पाई. रेस्तरां में जाने की बात छोड़ दें, देश के ज्यादातर नागरिकों के पास रहने के लिए ढंग के घर भी नहीं.
छोटी छोटी चीजें
पत्रकारों की यात्रा उत्तर कोरिया की शर्तों के मुताबिक तय थी. अचानक किसी भी नागरिक के इंटरव्यू की इजाजत नहीं थी. एपी के सदस्य एरिक टैलमैज कहते हैं, "ऐसा मुमकिन हो सकता है कि किसी ने भी इससे पहले किसी अमेरिकी को नहीं देखा हो. लेकिन हमारी मौजूदगी अप्रत्यक्ष रही. नजरें नहीं मिलीं, कुछ नहीं कहा गया."
स्थानीय खाना और बीयर
उत्तर कोरिया के उत्तर ह्वांगहे प्रांत में पिकनिक के दौरान भोज और बीयर का लुत्फ उठाते उत्तरी कोरियाई नागरिक. यहां भूख एक बड़ी समस्या है. खराब पोषण के कारण एक तिहाई उत्तर कोरियाई बच्चों में विकास की समस्या भी देखी गई है.
भोजन उपलब्ध कराना संघर्ष
पूरी तरह से तैयार पत्तागोभी लेकर जाता हुआ किसान. मुख्य फसल की कटाई नवंबर के शुरूआत में होती है. उत्तर कोरिया में जमीन इतनी कठोर है कि वहां खेती नहीं हो सकती है. देश की जनता को भोजन मुहैया कराना उत्तर कोरिया के लिए एक संघर्ष है. 1990 में यह अकाल का सामना कर चुका है.
इजाजत नहीं
वोनसान सागर के पास कार की मरम्मत करता एक नागरिक, वहीं सागर किनारे बैठे लोग. एपी के पत्रकारों को पहले से तय किया रास्ता बदलने की इजाजत नहीं थी. हैरानी नहीं है कि यात्रा में परमाणु संयंत्र या जेल शामिल नहीं थे.
वास्तव में आजाद नहीं
वोनसान के बीच पर नौजवानों का समूह पिकनिक का मजा लेता हुआ. टैलमैज कहते हैं, "सुनसान से सुनसान हाइवे पर भी हम "ख्याल रखने वाले" के बिना नहीं होते. जिसकी जिम्मेदारी हमारी निगरानी और हमारी गतिविधियों पर नजर रखने की थी."
निशब्द
उत्तर हमग्यांग प्रांत में पटरियों के किनारे आराम करते हुए स्थानीय निवासी. वहां से वापसी के बाद टैलमैज ने बताया, "हालांकि यात्रा के दौरान हमें लोगों को समझने को नहीं मिला. खुद देश के पास कहने को बहुत कुछ है. और वह हमारे सामने खुल रहा था."