एयर एशिया विमान का खोज अभियान
28 दिसंबर 2014 को एक हादसे का शिकार बनी एयर एशिया की उड़ान क्यूजेड 8501 के बारे में कई गुत्थियां अनसुलझी हैं. विमान के ब्लैक बॉक्स के हाथ ना आने तक दुर्घटना के कारणों से पर्दा नहीं हट सकेगा. तलाश जारी है.
एयर एशिया के दुर्घटनाग्रस्त विमान का पिछला हिस्सा 7 जनवरी को जावा सागर में मिला. इससे यह उम्मीद बढ़ी है कि रहस्यमय हादसे के भेद खोल सकने वाला विमान का ब्लैक बॉक्स आस पास ही मिल सकेगा.
आम तौर पर ब्लैक बॉक्स दुर्घटना के बाद करीब 30 दिनों तक सिग्नल भेजता रहता है. अगर खोज और बचाव अभियान इससे ज्यादा दिन चलता रहता है तो इंडोनेशिया के इस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण जानना बेहद मुश्किल होगा.
एयरबस के ए320 मॉडल के विमानों के पिछले हिस्से में ही ब्लैक बॉक्स होते हैं. किसी भी हादसे की जांच में ब्लैक बॉक्स को अहम सबूत माना जाता है क्योंकि इसी में विमान की रफ्तार से लेकर कॉकपिट में चल रही बातचीत तक सारी सूचनाएं रिकॉर्ड होती हैं.
28 दिसंबर को 162 लोगों के साथ लापता हुए विमान का मलबा खोजने के लिए खोजकर्ता जावा सागर के जल में बड़े स्तर पर अभियान चला रहे हैं. खोजी दलों ने खोज का दायरा बढ़ा दिया है.
खोज और बचाव दल के गोताखोर जावा सागर के उस इलाके में लाशों और मलबों की खोज में पानी के अंदर जा रहे हैं जिन्हें विशेषज्ञों ने सबसे ज्यादा संभावना वाला बताया है.
6 जनवरी को जावा सागर में गए गोताखोरों को पानी की बेहद तेज धारा के कारण सागर तल से शवों और मलबे को तलाशने में मुश्किलें आईं. इस बीच मौसम बेहतर हुआ है.
हादसे में अपने परिजनों को खोने वाले लोगों के लिए उनके बारे में सही जानकारी मिलना ही आखिरी उम्मीद है. अब तक 40 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं. कई और यात्रियों के शवों का अब भी परिवार वालों को इंतजार है.
हादसे का सही कारण पता नहीं चला है. इतना मालूम है कि 28 दिसंबर को विमान बेहद खराब मौसम से होकर गुजर रहा था और चालक दल ने विमान का मार्ग बदलने की अनुमति भी मांगी थी.