एएफओ ने किया रिपोर्ट में बदलाव
१० अक्टूबर २०१०भारत में एफएओ के प्रतिनिधि गाविन वॉल के मुताबिक, "संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी होने के नाते एएफओ संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों और व्यवहार का पालन करते हैं और खास कर जहां बात मानचित्रों की हों. संयुक्त राष्ट्र जम्मू कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को विवादित क्षेत्र मानता है. फिर भी इन क्षेत्रों का संदर्भ हटा दिया है."
दोनों राज्यों को दुग्ध क्षेत्र से होने वाले ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पर तैयार एफएओ की रिपोर्ट में अलग देश बताया गया था. इस पर भारत में बहुत से लोगों को हैरानी हुई. दोनों भारतीय राज्यों को पूर्वी एशिया के देशों के साथ दर्शाया गया था. वॉल कहते हैं, "देश और क्षेत्रों से जुड़े डाटा की समीक्षा की गई और रिपोर्ट में इन क्षेत्रों के दर्जे से जुड़े बदलाव के लिए तुरंत संयुक्त राष्ट्र से भी मशविरा किया गया." इससे पहले एफएओ के प्रतिनिधि ने शुक्रवार को कहा कि विवादास्पद सीमाओं की अनदेखी नहीं की जा सकती. ऐसे में यही सही होगा कि विवादित क्षेत्रों को किसी देश पर निर्भर दिखाने की बजाय अलग क्षेत्र के तौर पर पेश किया जाए.
जम्मू कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से विवाद का कारण रहा है. वहीं पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश पर चीन अपनी दावेदारी जताया है. ये दोनों ही राज्य आर्थिक और राजनीतिक रूप से भारत का हिस्सा हैं. ऐसे में एफओए की रिपोर्ट में दोनों राज्यों को अलग देश बताया जाना सरकार के साथ साथ आम लोगों के लिए हैरानी भरी बात थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन