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उत्तर कोरिया में किम के बेटे को ऊंचा ओहदा

२८ सितम्बर २०१०

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग इल ने अपने सबसे छोटे बेटे को सेना के जनरल का पद दे दिया है. समझा जाता है कि विरासत की सियासत आगे बढ़ाने के लिए ऐसा किया गया है. 30 साल में पार्टी की सबसे बड़ी बैठक के पहले ऐसा किया गया.

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किम जोंग इलतस्वीर: AP

उत्तर कोरियाई नेता 68 साल के किम जोंग इल लंबे अर्से से बीमार चल रहे हैं. समझा जाता है कि पार्टी की बैठक में किम जोंग उन को पार्टी का नया नेता बनाने का एलान किया जा सकता है.

उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए ने रिपोर्ट दी है कि बेटे के अलावा नेता की बहन किम क्योंग हुई को भी चारसितारा जनरल बना दिया गया है. लगभग दो साल पहले उत्तर कोरियाई नेता को दिमाग का दौरा पड़ा था, जिसके बाद से ही उन्होंने अपने सबसे छोटे बेटे किम जोंग उन को राजनीतिक विरासत देने की तैयारी तेज कर दी है. समझा जाता है कि स्विट्जरलैंड में पढ़ाई कर चुका उनका बेटा कोई 27 साल का है.

1948 में कोरिया दो हिस्सों में बंटा. इसके बाद से ही इस पर किम परिवार का शासन चल रहा है. लेकिन नेता के छोटे बेटे का जिक्र इससे पहले कभी नहीं आया है. उत्तर कोरिया के बाहर उनकी कोई तस्वीर भी उपलब्ध नहीं बताई जाती है.

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तस्वीर: AP

इससे पहले पार्टी की बड़ी बैठक 1980 में हुई थी, जब किम जोंग इल को पार्टी का नेता घोषित किया गया. उससे पहले उत्तर कोरिया की कमान उनके पिता किम इल सुंग के हाथों में थी. किम इल सुंग की 1994 में मौत हो गई. जानकारों का कहना है कि बैठक से पहले बेटे का कद बढ़ाने का मतलब ही यह है कि पार्टी की कमान उनके हाथ में देने की तैयारी की जा रही है.

अमेरिका का कहना है कि वह इस मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए है. हालांकि अभी उसने बेटे को नेता बनाए जाने की संभावना पर कोई टिप्पणी नहीं की है और कहा कि ऐसा करना जल्दबाजी होगा.

किम जोंग इल की 64 साल की बहन किम क्योंग हुई की शादी जांग सोंग थाएक से हुई है, जिन्हें उत्तर कोरिया का दूसरा सबसे ताकतवर व्यक्ति समझा जाता है. समझा जाता है कि किम जोंग इल के बाद उनकी बहन और उनके पति अनुभवहीन किम जोंग उन की राजनीतिक मदद कर सकते हैं. ऐसी संभावना भी है कि गंभीर बीमारी की वजह से किम जोंग इल पद छोड़ सकते हैं.

चीन की सीमा पर सटे पर्वत को किम जोंग इल का जन्मस्थान समझा जाता है. पार्टी की बैठक सितंबर के पहले पखवाड़े में ही तय थी. लेकिन अचानक इसे टाल दिया गया और इसकी कोई वजह नहीं बताई गई. बैठक में शामिल होने आए लोग पहले किम इल सुंग के मकबरे पर गए, जिसे उत्तर कोरिया का सबसे पवित्र स्थान समझा जाता है.

रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल

संपादनः एन रंजन