उत्तर कोरिया में ऐसे होते हैं बस स्टॉप
उत्तर कोरियाई राजधानी प्योंगयांग के बस स्टॉप पर कोई विज्ञापन नहीं. तनाव के बावजूद आम लोगों को खूबसूरत प्राकृतिक नजारों से रुबरु कराया जा रहा है. अलग-थलग रहने वाले उत्तर कोरिया में कुछ ऐसे नजर आते हैं बस स्टॉप.. एक झलक.
बिना स्लोगन का पोस्टर
बस स्टॉप पर बिना किसी स्लोगन के लगे पोस्टरों में पहाड़, तट और हरे-भरे नजारे दिखते हैं. शहर के चौक और यहां बने बांध भी इसकी खूबसूरती की कहानी कहते हैं. अन्य उत्तर कोरियाई शहरों में प्रचार और प्रॉपेगेंडा के उद्देश्य से कई पोस्टर लगाये गये हैं लेकिन प्योंगयाग के ये पोस्टर बिल्कुल अलग हैं.
अनोखा सौंदर्य
राजधानी प्योंगयाग में हर किसी के पास सफर करने की कोई न कोई वजह नजर आती है. या तो लोग काम पर जाते हैं या कुछ लोग किसी सामूहिक गतिविधि में भाग लेने जा रहे होते हैं. लेकिन बस स्टॉप पर इन आने-जाने वालों को इंतजार के कुछ पलों में चैन जरूर मिल जाता है.
सीमित सार्वजनिक परिवहन
लोगों के पास यहां पैदल चलने या सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर भरोसा करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है. दो दर्जन टैक्सी के अलावा, शहर में लगभग दो हजार कारें हैं जो देश के बड़े अधिकारियों और सरकारी संस्थानों के लिये सुरक्षित हैं.
मुफ्त ही है सफर
यहां की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में बसों का इस्तेमाल सबसे अधिक होता है. निजी गाड़ियां अधिक न होने के चलते यहां के तकरीबन 30 लाख लोग बसों का इस्तेमाल करते हैं. यहां के बस टिकट की कीमत 3 यूरो सेंट के लगभग होती है. इतनी कम कीमत पर इसे मुफ्त ही माना जा सकता है.
योजना बनाने का समय
एक यात्री ने बताया कि वह बस के सफर में बीतने वाले अपने समय का इस्तेमाल पूरे दिन की योजना बनाने के लिये करती है. यह यात्री उत्तर कोरिया की मौजूदा व्यवस्था के लिये देश के संस्थापक किम इल सुंग के साथ-साथ उनके वंश और उत्तराधिकारियों को श्रेय देती है.
महान नेताओं की छवि
इसी यात्री ने अपना अनुभव साझा करते हुये हमसे कहा कि, "जब भी आप काम पर जाने के लिये निकलते हैं या कोई काम करते हैं तब हमें हमारे महान नेताओं का प्रेम महसूस होता है." रिपोर्ट- नदीन बेर्गहाउसन