उत्तर कोरिया को कसने के लिए ट्रंप ने फेंका बीजिंग कार्ड
३ अप्रैल २०१७ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिये इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा, "अगर चीन उत्तर कोरिया का हल नहीं निकालेगा, तो हम निकालेंगे. मैं आपसे यही कहना चाहता हूं." जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वे इसमें सफल होंगे तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने जवाब दिया, "पूरी तरह."
ट्रंप का बयान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अमेरिका दौरे से ठीक पहले आया है. शी, इसी हफ्ते अमेरिका के राजकीय दौरे पर जाने वाले हैं. शुक्रवार को फ्लोरिडा में उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात होगी. चीन को उत्तर कोरिया का समर्थक माना जाता है.
परमाणु हथियारों वाला उत्तर कोरिया आए दिन मिसाइलें टेस्ट कर रहा है. उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश आतंकित हैं. आशंका जताई जा रही है कि लंबी दूरी की मिसाइलें विकसित कर उत्तर कोरिया अमेरिका तक मार कर सकता है. इन्हीं खतरों के मद्देनजर ट्रंप ने कहा, "चीन का उत्तर कोरिया पर बड़ा प्रभाव है. चीन को तय करना होगा कि वह उत्तर कोरिया के मुद्दे पर हमारी मदद करता है या नहीं. अगर मदद करता है तो यह चीन के लिए अच्छा होगा, और अगर नहीं करता तो ये किसी के लिए अच्छा नहीं होगा."
अब सारी नजरें ट्रंप और शी की मुलाकात पर टिकी है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो चीन दूसरे नंबर की. ट्रंप चुनाव में यह वादा कर चुके हैं कि वह चीन के साथ अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करेंगे. वह बीजिंग की पक्ष में झुके हालात को संतुलित करेंगे. चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले ट्रंप ट्वीट कर कह चुके हैं कि, "अगले हफ्ते चीन के साथ बैठक बहुत मुश्किल होगी जिसमें यह साफ होगा कि हम अथाह कारोबार घाटा वहन नहीं कर सकते." ट्रंप साफ कर चुके हैं कि वह कारोबार का हवाला देते हुए चीन पर उत्तर कोरिया को साधने का दवाब डालेंगे.
हाल ही में अमेरिका विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने भी एशिया का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने उत्तर कोरिया की चर्चा करते हुए कहा कि खतरे की स्थिति में बचाव के लिए हमला करने का विकल्प भी खुला है. महीने भर पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भी प्योंगयांग को चेतावनी देते हुए कह चुके हैं कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
(कोरिया युद्ध के 6 दशक)
ओएसजे/आरपी (रॉयटर्स, एएफपी)