उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण से खलबली
९ सितम्बर २०१६भूकंप की तीव्रता के हिसाब से विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह विस्फोट करीब 10 किलोटन भारी बम का रहा होगा. उत्तर कोरिया का कहना है कि उसने यह परीक्षण अमेरिका को दिखाने के लिए किया है. पूरे एशिया पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका के बढ़ते प्रभाव को लेकर उत्तर कोरिया चिंतित है. परमाणु परीक्षण की विश्व भर की सरकारों ने निंदा की है और गंभीर चिंता जताई है.
परीक्षण के कारण पूरे कोरियाई पेनिन्सुला इलाके में करीब 5.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. अगर इसके हिसाब से परमाणु बम के आकार का अनुमान लगाया जाए तो यह आज तक उत्तर कोरिया द्वारा टेस्ट किया गया सबसे बड़ा बम था. उत्तर कोरिया ने इस टेस्ट के लिए सन 1948 में बने अपने देश के स्थापना दिवस को चुना.
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने परीक्षण का सीधा प्रसारण दिखाते हुए "न्यूक्लियर वॉरहेड एक्सप्लोजन" की घोषणा की. कुछ ही दिन पहले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन की कड़ी निंदा करते हुए उनकी हरकतों को "झक्की लापरवाही" कहा था. सरकारी मीडिया पर कहा गया कि अब उत्तर कोरिया बैलिस्टिक रॉकेटों पर न्यूक्लियर वॉरहेड लगाने की क्षमता प्राप्त कर चुका है.
कुछ ही दिन पहले उत्तर कोरिया ने तीन बैलिस्टिक मिसाइलों का समुद्र में परीक्षण किया था. उस समय विश्व भर के शक्तिशाली देशों के नेता चीन में जी-20 सम्मेलन के लिए जुटे थे. बीते कई महीनों में प्योंगयांग के कई रॉकेट और परमाणु परीक्षणों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कड़ी निंदा और चेतावनियों के बावजूद यह कोई असर नहीं पड़ा है. इस बार के परमाणु परीक्षण को खासतौर पर अमेरिका को दिया करारा जवाब बताया जा रहा है. हाल ही में अमेरिका ने दक्षिण कोरिया को अपने थाड एंटी-मिसाइल सिस्टम देने का फैसला किया था.
इन परीक्षणों के माध्यम से उत्तर कोरिया ने यूएन सुरक्षा परिषद के संकल्प और पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सीधी चुनौती पेश की है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसे "बर्दाश्त ना करने लायक" बताया और इस पर कड़ा विरोध जताने की बात कही. दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को एयर फोर्स वन में अपने सफर के दौरान जब ये सूचना मिली तो उन्होंने कहा कि प्योंगयांग की इन हरकतों के "गंभीर परिणाम" होंगे. ओबामा ने इस बाबत जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं बात भी की है.
उत्तर कोरिया के एकलौते सहहोगी माने जाने वाले चीन ने भी इस परीक्षण पर "कड़ा विरोड़" जताया है. बीजिंग ने उत्तर कोरिया से पूरे प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में हालात खराब ना करने को कहा है.