उत्तर कोरियाई मिसाइल के सामने गुब्बारा
उत्तर कोरिया मिसाइलों का परीक्षण कर दुनिया में हलचल पैदा करता है लेकिन उसे हराने के लिए कुछ कार्यकर्ता गुब्बारों का सहारा ले रहे हैं. इन गुब्बारों के जरिये उत्तर कोरियाई लोगों को बाहरी दुनिया से जोड़ने की कोशिश है.
हवा से हल्के
भारी विस्फोटकों और दूर तक मार करने वाली मिसाइलों से अमेरिका को ललकारने वाले उत्तर कोरिया के लिए दक्षिण कोरिया के कुछ कार्यकर्ताओं ने बेहद हल्के गुब्बारों से जंग छेड़ी है.
गुब्बारों में क्या है
इन गुब्बारों में उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन के कार्टून, पर्चे, लोकतंत्र की अपील, सोप ऑपेरा और अमेरिकी फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री से भरे फ्लैश ड्राइव जैसी चीजें हैं.
गुब्बारों का संदेश
दक्षिण कोरिया में रहने वाले ये कार्यकर्ता उत्तर कोरिया को संदेश देना चाहते हैं कि लोकतंत्र कितना जरूरी और अच्छा है. दक्षिण कोरिया और चीन में जिंदगी कितनी आसान है, ये बताने कि लिए वो खाने पीने की चीजों के रैपर भी डाल देते हैं.
सूचना की जंग
गुब्बारों से लड़ने वाले मानते हैं कि किम जोंग उन की सत्ता को बाहरी जानकारियों के प्रवाह से हिलायी जा सकती है. उन्हें लगता है कि अलग थलग देश में सूचनाओं पर पूरी तरह से पाबंदी के जरिये किम जोंग उन नियंत्रण कर रहे हैं.
हर साल लाखों गुब्बारे
कार्यकर्ता हर साल लाखों की तादाद में गुब्बारे और हजारों फ्लैश ड्राइव उत्तर कोरिया भेजते हैं. उन्हें यकीन है कि लोगों का मन बदल कर कुछ भी हासिल किया जा सकता है. कई बार इसके लिए तस्करों की भी मदद ली जाती है.
गुब्बारा उड़ाना भी खतरनाक
भले ही गुब्बारा उड़ाना खेल हो लेकिन उत्तर कोरिया में इस तरह के राजनीतिक पर्चों वाले गुब्बारे के साथ खेलना जोखिम भरा है. उत्तर कोरिया की सरकार ऐसा करने वालों को सख्त सजा देती है.
उत्तर कोरिया के पर्चे
उत्तर कोरिया दूसरों के गुब्बारे भले ही पसंद ना करे लेकिन खुद पर्चे गिराने में अव्वल है. हर साल दक्षिण कोरिया में उत्तर कोरिया की तरफ से हजारों पर्चे गिराये जाते हैं.
गुब्बारों से तनाव
पहले दक्षिण कोरिया की सरकार भी गुब्बारे और पर्चे गिराया करती थी लेकिन सैन्य तनाव बढ़ने की घटनाओं के कारण अब इसे बंद कर दिया गया है.
क्या असर होगा गुब्बारों का
विश्लेषक मानते हैं कि उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन पर इन सब चीजों का कोई असर नहीं होगा. उत्तर कोरिया के गांवों में रहने वाले लोग इन्हें सुरक्षा अधिकारियों के हवाले कर देते हैं.
दक्षिण कोरिया की उम्मीद
उत्तर कोरिया की तरफ से तमाम सख्तियों के बावजूद दक्षिण कोरिया ने उम्मीद नहीं छोड़ी है. नए राष्ट्रपति मून जेइ इन उदार माने जाते हैं और उन्हें उम्मीद है कि वो उत्तर कोरिया को बातचीत की टेबल पर ले आयेंगे.