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ई-कारों और साइकलों की धूम

२२ फ़रवरी २०१३

पार्किंग हर छोटे बड़े शहर में बड़ी समस्या है. मंथन में इस बार जानकारी ऐसी इलेक्ट्रिक कार पर जो सोचने के तरीके को बदलेगी. फोल्ड होकर खुद ही छोटी सी जगह पर पार्क हो जाएगी. साथ ही बैटरी से चलने वाली साइकल की भी होगी सवारी.

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तस्वीर: DW

बेहताशा ट्रैफिक और चौबीसों घंटे की भीड़भाड़ से कोई भी अनजान नहीं. बढ़ती गाड़ियों, खासकर कारों की वजह से दुनिया के हर शहर में ट्रैफिक का बुरा हाल है. घंटों जाम और प्रदूषण से जूझना अब आम सी बात हो गयी है. इसके हल के तौर पर जर्मनी में एक ठोस जवाब मिलता दिख रहा है. यहां ईओ कनेक्शन नाम की स्मार्ट कार पर काम चल रहा है. इस इलेक्ट्रिक कार को जर्मन रिसर्च फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने तैयार किया है.

HIRIKO Elektroauto
तस्वीर: hiriko

बैटरी से चलने वाली यह कार सिर्फ सात सौ किलो की है और हैरान कर देने वाली खूबियों से लैस है. इंटेलिजेंट तकनीक से कार ड्राइवर की जिम्मेदारी खुद ही उठा लेती है. कार के पहिए भी हैरान करने वाले हैं. हर पहिए में मोटर है जो इसे लट्टू की तरह घुमा सकती है और अब तक नामुमकिन समझे जाने वाली कलाबाजियां कर सकती है.

टेस्ट कार पर फिलहाल प्रयोग चल रहे हैं. कोशिश यह भी है कि भविष्य में हाईवे पर ये कारें रोड ट्रेन की तरह दिखाई पड़ें. भीड़ भाड़ कम करने के लिए हर एक कार ट्रेन की छोटी और खुलती-जुड़ती बोगी की तरह काम करेगी. यह साइंस फिक्शन जैसा लगता है, पर शायद आने वाले दस साल में यह सड़क की सच्चाई बन जाए.

फर्राटे से दौड़ने वाली साइकल

जहां इलेक्ट्रिक कारें प्रदूषण ना कर पर्यावरण को साफ रखने में मददगार होती हैं, वहीं साइकल को साफ सफाई के लिहाज से सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है. लेकिन लोग अक्सर साइकल चलाने से बचते हैं. दिन भर वैसे ही इतनी दौड़ भाग करनी पड़ती है कि फिर धीमे धीमे साइकल खींच कर पसीना कौन बहाए. लेकिन अगर साइकिल बिना मशक्कत स्कूटर की तरह फर्राटे से भागने लगे और चढ़ाई पर चढ़ जाए तो इनमें दिलचस्पी जरूर बढ़ेगी. ऐसी ही खूबियों वाली ई साइकल के बारे में इस बार मंथन में बताया जा रहा है.

Elektrofahrrad
तस्वीर: picture-alliance/dpa

इलेक्ट्रिक बाइक के करियर में बैटरी लगी है, जो पिछले पहिये पर लगी मोटर को घुमाती है. इसकी मदद से कुछ ही सेकेंड में साइकल शून्य से पच्चीस किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पकड़ लेती है. अपनी पसंद की रफ्तार आप पहले से ही स्पीडोमीटर में फीड कर सकते हैं. इस से आप करीब करीब स्कूटर जितनी रफ्तार पर साइकल को दौड़ा सकते हैं और वह भी बिना किसी थकावट के. ऐसी बढ़िया तकनीक वाली ई-बाइक फिलहाल थोड़ी महंगी है. यह अभी तीन हजार यूरो यानी करीब दो लाख रुपये में बाजार में उपलब्ध है. इसमें कई खूबियां और हैं, इसे मिनट भर में आसानी से फोल्ड किया जा सकता है. आप इसे आसानी से ट्रेन में ले जा सकते हैं या फिर कार में भी रख सकते हैं.

स्तन कैंसर पर जानकारी

तकनीक की दुनिया के साथ साथ मंथन में इस बार महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है. भारत में हर साल स्तन कैंसर के एक लाख नए मामले सामने आ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि 2020 तक दुनिया में हर आठ में से एक महिला को स्तन कैंसर होगा. ब्रेस्ट कैंसर धीरे धीरे बढ़ता है और मुश्किल यह है कि शुरुआत में इसका पता भी नहीं चलता. डॉक्टरों के बीमारी पकड़ने तक अक्सर काफी देर हो चुकी होती है. लेकिन नई तकनीक से इसका जल्द ही पता लगाय जा सकता है. मैग्नेट रेसोनंस मैमोग्राफी की मदद से वक्त रहते स्तन में ट्यूमर को देखा जा सकता है. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाएं और अपनी जांच करवाएं. स्तन कैंसर को बेहतर रूप से समझने के लिए इस बार मंथन में डॉक्टर वंदना झा से बातचीत की गयी है. जीवनशैली का स्तन कैंसर जैसी बीमारी पर क्या असर पड़ता है, इस बारे में पूरी जानकारी के लिए देखना ना भूलें मंथन दूरदर्शन पर शनिवार सुबह 10.30 बजे.

इसके अलावा इस बार आपको कार्यक्रम में जर्मनी में पशुपालन की भी एक झलक दिखेगी. किसानों को फायदा पहुंचाने और बाजार में ताजा माल लाने के लिए किस तरह की कोशिशें की जाती है, इस सब जानकारी के लिए देखें मंथन. आपकी प्रतिक्रियाएं और आपके सवाल भी कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं. फेसबुक के जरिए हमसे जुडें और पहुंचाएं अपने सुझाव हम तक.

रिपोर्ट: ईशा भाटिया

संपादन: आभा मोंढे

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