ईरान पर प्रतिबंधों को अमल में लाने की तैयारी
१९ मई २०१०सोमवार को ईरान ने तुर्की के साथ परमाणु सामग्री के बदले संवर्धित यूरेनियम हासिल करने पर समझौता किया है. लेकिन उस समझौते के बावजूद ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को अंतिम रूप दिए जाने की तैयारी चल रही है. अमेरिका का कहना है कि ईरान नए समझौते पर सहमति बनाकर पाबंदियों को टालने की कोशिश कर रहा है.
नए प्रतिबंधों के अमल में आने के बाद मालवाहक जहाजों की जांच और बैकिंग कार्यप्रणाली पर कड़ा नियंत्रण लगाया जाना संभव हो पाएगा. ईरान को टैंक, युद्धक विमान, युद्धपोत और अन्य भारी हथियार नहीं बेचे जाएंगे. ईरान के बैंकों के वित्तीय लेनदेन पर नजर और पैनी की जाएगी.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक प्रतिबंधों के मसौदे को पांच स्थायी सदस्य देशों का समर्थन मिल चुका है और 10 अस्थायी सदस्य देश इस पर बहस कर रहे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि रूस और चीन के सहयोग से ईरान के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों के मसौदे पर सहमति बन गई है. ईरान पर तीन बार प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं और यह प्रतिबंधों का चौथा दौर होगा.
तुर्की और ब्राजील की मध्यस्थता से ईरान के साथ हुए समझौते के मुताबिक ईरान कम संवर्धित यूरेनियम को तुर्की भेजने के लिए राजी हो गया है जिसके बदले उसे रिसर्च रिएक्टर के लिए ईंधन मिल सकेगा. इस डील को स्वॉप डील (अदला बदली समझौता) का नाम दिया गया है. चीन ने शुरुआत में स्वॉप डील के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया लेकिन अब वह परमाणु प्रतिबंधों के पक्ष में बात कर रहा है.
पश्चिमी देशों को शक है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम की आड़ में परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिशों में जुटा है लेकिन ईरान पुरजोर ढंग से इस बात को खारिज करता रहा है. ईरान का कहना है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए है जिसका उसे पूरा हक है.
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने दोहराया है कि तुर्की, ब्राजील और ईरान के त्रिपक्षीय समझौते से जुड़े कई सवाल अनुत्तरित हैं हालांकि उन्होंने तुर्की और ब्राजील के प्रयास की सराहना की है. समझौते होने पर भी ईरान ने कहा है कि वह यूरेनियम संवर्धन जारी रखेगा और अमेरिका के मुताबिक उसके लिए अहम मुद्दा यही है कि ईरान इससे पीछे नहीं हट रहा है.
नए प्रतिबंधों के मसौदे पर ईरान की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है और यह भी स्पष्ट नहीं है कि इस मसौदे का सोमवार को हुए समझौते पर क्या असर होगा. इस समझौते के अन्तर्गत ईरान 1,200 किलोग्राम कम संवर्धित यूरेनियम को तुर्की भेजेगा और इसके बदले उसे तेहरान रिसर्च रिएक्टर के लिए ईंधन मिलेगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार