ईरान की पाकिस्तान को चेतावनी, "घुसकर करेंगे हमला"
८ मई २०१७पिछले महीने एक आतंकी हमले में पाक-ईरान सीमा पर तैनात 10 ईरानी बॉर्डर गार्ड्स की मौत हो गई थी. ईरान के मुताबिक यह हमला पाकिस्तान के सुन्नी आतंकी समूह जैश-अल-अदल के आतंकियों ने किया था. ईरान और पाक सीमा पर ड्रग्स तस्करी और अलगाववादी आतंकी समूहों के चलते तनाव कोई नया नहीं है.
ईरान की सेना के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद बाकरी ने कहा, "हम यह स्थिति जारी रहने नहीं दे सकते. इसलिये हम पाकिस्तानी अधिकारियों से उम्मीद करते हैं कि वे सीमा पर नियंत्रण रखेंगे, आतंकवादियों को गिरफ्तार करेंगे और इनके बेस कैंपों को बंद करेंगे." उन्होंने कहा कि अगर आतंकवादी हमले जारी रहते हैं तो हम उनके सुरक्षित ठिकानों को निशाना बनायेंगे.
ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान की यात्रा की थी और प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सीमा सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने पर चर्चा भी की थी. पाकिस्तान सरकार ने ईरान को भरोसा दिलाया था कि उसकी ओर से अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जायेगी.
इसके पहले 2014 में ईरान ने पाकिस्तान को ऐसी ही चेतावनी दी थी जब जैश-अल-अदल के आतंकियों ने ईरानी बॉर्डर गार्ड्स के पांच सैनिकों का अपहरण कर लिया था. उस वक्त भी ईरान ने अपनी सेनाएं बॉर्डर पर भेजने तक की धमकी दे डाली थी. पाकिस्तान ने धमकी का जबाव धमकी में देते हुये कहा था कि ऐसा करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन होगा और ईरान की सेनायें सीमा पार करने की हिम्मत न करें. यह तनाव एक स्थानीय मौलवी के हस्तक्षेप के बाद काबू में आ सका था. हालांकि कुछ महीनों बाद ईरानी सेना के चार सैनिकों को रिहा कर दिया गया, लेकिन एक सैनिक की आतंकियों ने हत्या कर दी थी.
जैश-अल-अदल एक सुन्नी आतंकी संगठन हैं जिसने ईरान के सुरक्षा बलों पर कई आतंकी हमले किये हैं. संगठन के मुताबिक इन हमलों का मकसद ईरान में सुन्नी अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे बर्ताव को दुनिया के सामने लाना है.
एए/एमजे (रॉयटर्स)