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इराक में सैन्य प्रशिक्षण देगा अमेरिका

२० मई २०१५

रमादी पर आईएस के नियंत्रण के बाद अमेरिका ने कहा है कि वह आईएस का मुकाबला करने के लिए स्थानीय कबीलों के लोगों को ट्रेनिंग देने के लिए तैयार है. रमादी पर आईएस का नियंत्रण चरमपंथी समूह की बढ़ती ताकत को दिखाता है.

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Irak IS erobert Ramadi
तस्वीर: Reuters/Stringer

राजधानी बगदाद के निकट और कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर रमादी पर आईएस के कब्जे के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ इस बारे में आगे की रणनीति तैयार करने पर चर्चा की. इस मीटिंग में सीआईए, रक्षा विभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख शामिल थे, इसके अलावा विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ फोन पर उनकी बात हुई.

अधिकारियों के मुताबिक ओबामा रमादी के आसपास रहने वाले सुन्नी समुदाय को आईएस का मुकाबला करने में मदद करना चाहते हैं. अमेरिकी सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एलिस्टेयर बास्की के मुताबिक, "हमारी पूरी कोशिश इसी बात पर है कि स्थानीय सेना को अन्बर प्रांत में किस तरह मदद पहुंचाई जाए. रमादी को वापस हासिल करने में इराक के नेतृत्व वाले ऑपरेशन में स्थानीय कबीलों की ट्रेनिंग और उन्हें हथियार मुहैया कराना भी शामिल है." अमेरिका ने इराक के सुन्नी समुदाय के करीब 6000 स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए सैन्य सलाहकार भेजने पर रजामंदी जताई है. इन्हें राइफलें और अन्य हथियार दिए जाएंगे.

बढ़ते खतरों के संकेत

इराक के रमादी शहर से राजधानी बगदाद तक मात्र 90 मिनट की दूरी पर है. यहां से सीरिया, जॉर्डन और सऊदी अरब के लिए रास्ते निकलते हैं. इस हफ्ते इस्लामी चरमपंथी समूह इस्लामिक स्टेट ने रमादी पर कब्जा जमाने का एलान किया. रमादी से इराकी सेना हट गई है. इराकी बलों की मदद के लिए अमेरिका आईएस के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहा है. रमादी पर इस्लामिक स्टेट के कब्जे को अमेरिका ने झटका तो माना लेकिन यह भी कहा कि अभी बाजी उनके हाथ से निकली नहीं है.

इराकी प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने शिया मिलिशिया से भी सुन्नी इलाकों में तैनाती के लिए तैयार रहने को कहा था. अब तक करीब तीन हजार ईरान समर्थित लड़ाके रमादी में इस्लामिक स्टेट का मुकाबला करने पहुंच चुके हैं. शिया लड़ाकों ने इससे पहले तिकरित को वापस हासिल करने में भी सेना की मदद की थी. इराक उत्तरी इलाकों में कुर्द पेशमेरगा लड़ाकों को हथियार दिए जाने पर झिझकता रहा है, डर है कि बाद में इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल आजादी की लड़ाई के लिए ना होने लगे. आईएस का मुकाबला करने में शिया लड़ाकों की मदद से शिया सुन्नी झगड़ों को हवा मिलने का भी खतरा है. इराकी सेना और सहयोगी अर्द्धसैनिक बल रमादी को आईएस के कब्जे से छुड़ाने की हर संभव कोशिश में लगे हैं, इससे पहले कि आईएस लड़ाके अपनी पकड़ को इलाके में और मजबूत कर लें.

एसएफ/आईबी (एएफपी,रॉयटर्स)