इबोला से जंग
सियेरा लियोन में 1500 से ज्यादा लोग इबोला से संक्रमित हैं. इसके बावजूद पश्चिम अफ्रीकी देश के लोग हिम्मत नहीं हार रहे और मिलजुलकर वायरस के खिलाफ लड़ रहे हैं.
परिवार के लिए
स्वार्द डेम्बी (दाएं) पहले की ही तरह हर दिन राजधानी फ्रीटाउन के सबसे बड़े हाट में शिमला मिर्च बेचती हैं. 19 वर्षीया स्वार्द कहती हैं कि उन्हें भी इबोला से संक्रमित होने का डर लगता है, लेकिन उनके सामने और कोई चारा नहीं है. उनका परिवार पूरी तरह उनकी कमाई पर निर्भर है.
आइसोलेशन सेंटर की जरूरत
पूरे देश में इबोला को रोकने के लिए आइसोलेशन सेंटर की जरूरत है जहां संक्रिमित लोगों की देखभाल की जा सके. लेकिन जगह और कर्मचारियों की कमी है. आर्किटेक्ट कमारा ने अपने दूसरे प्रोजेक्ट रोक दिए हैं और फ्रीटाउन में इबोला आइसोलेशन सेंटर बनाने में मदद कर रहे हैं.
पुलिस सुरक्षा
वह अपना नाम हमें नहीं बताना चाहती. लोग उन्हें "ममा जी" कहते हैं. बहुत से लोगों के लिए यह पुलिसकर्मी मां जैसी हैं जो अपने थाने के लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए समय निकालती हैं. तीन हफ्ते से वे इबोला के शिकार लोगों की लाशों के ट्रांसपोर्ट में मदद कर रही हैं.
जाने का सवाल नहीं
जर्मनी के ओले हेंगेलब्रॉक एक स्ट्रीट प्रोजेक्ट के लिए एक साल पहले फ्रीटाउन आए थे. इस बीच सियेरा लियोन उनके लिए दूसरी मातृभूमि सा हो गया है. 26 वर्षीय ओले इबोला की वजह से वापस जर्मनी लौटने की सोच भी नहीं रहे.
सुरक्षा कवच में वोलंटियर
यह पहला मौका है जब मोमुदो लाम्बो ने विशेष सुरक्षा सूट पहना है. वह वोलंटियर्स की एक ट्रेनिंग में भाग ले रहे हैं जो इबोला हेल्थ सेंटरों पर काम करने को तैयार हैं. 28 वर्षीय मोमुदो कहते हैं कि यह खतरनाक काम है लेकिन आज जैसे मुश्किल दौर में स्वाभाविक भी.
वायरस की जानकारी
उस्मान रहीम बाह का कहना है इबोला के खिलाफ एकमात्र मदद करने वाली चीज उसके बारे में जानकारी है. इसलिए उन्होंने अपना पैसा खर्च कर इबोला के बारे में सूचना सामग्री तैयार की है और उसे कुछ हफ्तों से घर घर में बांट रहे हैं.
हर समय ड्यूटी पर
करीब 30 साल से सिस्टर स्टेला अस्पताल में काम कर रही हैं. इस समय में उन्होंने बहुत कुछ देखा और झेला है लेकिन मौजूदा संकट उनके लिए भी नया है. इबोला के पहले मामलों का पता चलने के बाद उनके क्लीनिक के कुछ लोग काम छोड़ गए लेकिन वह बनी हुई हैं. उन्हें भरोसा है कि एक दिन यह मुश्किल दूर हो जाएगी.
हर दिन खतरा
देसमंड रीज रेड क्रॉस में टीमलीडर हैं और उन कर्मचारियों के लिए जिम्मेदार हैं जो हर रोज इबोला से मरने वाले लोगों की लाश घरों से लाकर दफनाते हैं. उन्हें पता है कि टीम अच्छी तरह प्रशिक्षित और सुरक्षित है, लेकिन हर दिन वह इस उम्मीद में काटते हैं कि लाशों को यह सिलसिला अब खत्म हो.