इतिहास में आज: 6 जनवरी
४ जनवरी २०१४1993 से 1996 तक लाइट हेवीवेट बॉक्सिंग के चैंपियन रहे मास्के आज बॉक्सिंग एक्सपर्ट और उद्यमी के रूप में अपने शौक से जुड़े हुए हैं.
6 जनवरी 1964 को ब्रांडेनबुर्ग में जन्मे मास्के की ट्रेनिंग छह साल की उम्र में ही शुरू हो गई थी. अपने करियर की शुरुआत उन्होंने पूर्वी जर्मनी के यीटरबोग शहर में शौकिया बॉक्सिंग के साथ की. इसके बाद उन्होंने 1988 में ओलंपिक और 1989 में शौकिया बॉक्सिंग करने वालों की विश्व चैंपियनशिप जीती और जीडीआर के बेहतरीन बॉक्सर बन गए.
तीन साल बाद पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर उनका ऐतिहासिक करियर शुरू हुआ. 1993 में उन्होंने चार्ल्स विलियम्स को हराकर लाइट हेवीवेट विश्व चैंपियनशिप जीती. एकीकृत जर्मनी में 1996 तक 10 मुकाबलों में उन्होंने विश्व चैंपियन का खिताब अपने पास कायम रखा.
मास्के ने कुल 31 में से 30 मुकाबलों में जीत हासिल की जो एक बड़ा रिकॉर्ड था. 1996 में अपने आखिरी मैच में वे अमेरिका के वर्जिल हिल से कुछ ही पॉइंट से मात खा गए.
हेनरी का बॉक्सिंग करने का एक खास अंदाज था जिसकी मदद से वह जर्मनी का चमकता सितारा बन कर सामने आए. करोड़ों लोग उनके मुकाबले बड़े चाव से टीवी पर देखते थे.
'गोल्डन लायन', 'गोल्डन कैमरा' और 'स्पोर्ट्समैन ऑफ द इयर' जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से उन्हें नवाजा गया. 1999 में उन्होंने बच्चों और युवाओं के लिए 'हेनरी मास्के फाउंडेशन' की स्थापना की. इस संस्था का मकसद है बेसहारा बच्चों को जीवन के संघर्षों के लिए मजबूत बनाना. उनकी संस्था इन बच्चों को रहने, खाने के अलावा शिक्षा और खेल प्रशिक्षण के लिए भी आर्थिक मदद मुहैया कराती है.
बॉक्सिंग से 10 साल दूर रहने के बाद मास्के ने 2007 में एक बार फिर रिंग में वापसी की और मार्च 2007 में वर्जिल हिल को हराया. मास्के के करियर में एकलौती मात उन्हें हिल से ही मिली थी. इन दिनों कई जर्मन कंपनियों के कार्यक्रमों में उन्हें प्रेरणादायक भाषण के लिए खासकर बुलाया जाता है.