इतिहास में आज: 30 मई
२९ मई २०१४30 मई 1981 को जिया उर रहमान चटगांव के एक गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे. सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाले कुछ सैनिकों ने उस सरकारी गेस्ट हाउस पर हमला कर दिया. शोर सुनकर जब वह बाहर आए तो उन्हें गोली मार दी गई. गोलीबारी में जिया उर रहमान के सुरक्षाकर्मी समेत कुल आठ लोग मारे गए.
जिया उर रहमान की हत्या के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति अब्दुस सत्तार बने. जिया उर रहमान बांग्लादेश में बेहद लोकप्रिय नेता थे जिसके कारण हत्या के बाद ढाका में दसियों हजार लोग अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए जमा हुए. अब्दुस सत्तार ने इस हादसे के बाद देश में आपातकाल और 40 दिन तक राजकीय शोक की घोषणा कर दी. राष्ट्रपति जिया उर रहमान की हत्या के बाद विद्रोहियों ने एक क्रांतिकारी समिति बनाने की घोषणा लेकिन उन्हें जन समर्थन हासिल नहीं हुआ.
जिया उर रहमान बांग्लादेश के सातवें राष्ट्रपति थे. उनका बंगलादेश में 1977 से 1981 तक एक तरफा राज चला. विद्रोहियों के नेता मेजर जनरल मंजूर ने तख्तापलट की कोशिश इसलिए की थी क्योंकि वो ढाका के एक कम महत्वपूर्ण जगह पर किए गए अपने तबादले से नाराज थे. जिया उर रहमान ने राजनीतिक पार्टी बीएनपी की स्थापना की थी. यह बांग्लादेश की दूसरी बड़ी राजनीतिक पार्टी है. जिस समय जिया उर रहमान की हत्या हुई उस समय वह 45 साल के थे.