इतिहास में आज: 29 जनवरी
२८ जनवरी २०१५जर्मन इंजन डिजाइनर कार्ल फ्रीडरिष बेंज को पहले इंटरनल कम्बशन इंजन का जनक भी कहा जाता है. उन्होंने अपनी पत्नी बेर्था बेंज के साथ मिलकर आधुनिक इंजन का निर्माण किया. दोनों ने एक कार कंपनी बनाई. नाम था पटेंट मोटरवागेन.
1870 के दशक में जर्मनी में इंजीनियरिंग क्रांति धधक रही थी. गॉटलीब डायमलर और विल्हेम मायबाख भी ऐसे ही प्रयोग पर काम कर रहे थे. उनकी कंपनी का नाम डायमलर मोटरेन गेजेलशाफ्ट था. डायमलर और मायबाख को बेंज दंपत्ति की खोज के बारे में नहीं पता था. दोनों ने 19वीं सदी के शुरू में मर्सिडीज नाम की कार बनाई.
29 जनवरी 1886 को जब कार्ल फ्रीडरिष बेंज को इंटरनल कम्बशन इंजन वाली कार का पेटेंट मिला तो डायमलर और मायबाख को इस खोज का पता चला. दोनों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा छिड़ी. कार्ल बेंज इसमें आगे रहे. उन्होंने कार निर्माण की सारी बाधाएं पार कर लीं. उन्होंने शानदार टू स्ट्रोक इंजन बनाया. उसमें स्पीड रेग्युलेटर भी लगाया. उनकी तिपहिया कार बैटरी, स्पार्क प्लग, कार्ब्युरेटर, क्लच, गीयर और वाटर रेडिएटर से लैस थी.
28 जून 1926 को बेंज और डायमलर का विलय हो गया. कंपनी का नाम डायमलर बेंज रखा गया. दोनों कंपनियों की मशहूर हो चुकी कारों की वजह से नई कंपनी ने अपनी नई कारों को मर्सिडीज बेंज नाम दिया.
आज मर्सिडीज बेंज की गिनती दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित और भरोसेमंद कारों में होती है. इसे जर्मनी की पहचान भी कहा जाता है.