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इतिहास

इतिहास में आज: 25 जून

आरआर/एएम२४ जून २०१४

25 जून 1950 को आजादी की लड़ाई लड़ रहे उत्तरी और दक्षिण कोरिया के बीच युद्ध शुरू हो गया जिसने आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय शीत युद्ध का रूप ले लिया.

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तस्वीर: picture-alliance/AP Photo

उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच की लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र की ओर से अमेरिका और दूसरी ओर उत्तर कोरिया की तरफ से साम्यवादी तीन युद्ध में कूद पड़े थे. इसी लड़ाई के परिणामस्वरूप कोरिया के दोनों हिस्से आधिकारिक रुप से विभाजित हुए. कोरियाई युद्ध को एशिया में शीत युद्ध की शुरुआत भी माना जाता है.

25 जून, 1950 को ही उत्तरी कोरिया की कम्युनिस्ट फौजें दक्षिण कोरिया की सीमा में घुस गई थीं. अगले तीन सालों कर दोनों पक्षों के बीच खूनी संघर्ष चला. 1953 में अमेरिका और उत्तरी कोरिया ने युद्धविराम के समझौते पर सहमति बनवाकर इस संकट का अंत किया. कोरिया युद्ध में अमेरिकी सेना के 55,000 से भी ज्यादा जवानों की जान चली गई थी.

साल 1950 से 1953 के बीच चले इस संघर्ष के दौरान लाखों कोरियाई अपने रिश्तेदारों से बिछड़ गए. दोनों के बीच सीमा पार मुफ्त यात्रा, संपर्क, फोन भी प्रतिबंधित थे. इतने सालों बाद आज हालात ऐसे हैं कि कई लोगों की तो अपने रिश्तेदारों से बिना मिले ही मौत हो चुकी है. साल 2000 में दक्षिण और उत्तर कोरिया ने पुनर्मिलन कार्यक्रम की योजना बनाई गई. मिलन समारोह में शामिल होने वालों की संख्या बहुत ज्यादा थी इसलिए कुछ ही लोग अपने रिश्तेदारों से मिल पाए. 2014 में फिर उत्तर और दक्षिण कोरिया इस बात पर राजी हो गए हैं कि युद्ध में बंटे हुए कुछ परिवारों को आपस में मिलने की इजाजत दी जाएगी.

लेकिन उत्तर कोरिया का साम्यवादी शासन दुनिया से कटा है और समय समय पर परमाणु परीक्षण कर धमकी देकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चौंकाता रहता है. अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने उसे दुष्ट राष्ट्रों की धुरी का सदस्य कहा था. विवाद के समाधान के लिए छह देशों के बीच बातचीत शुरू हुई थी लेकिन मिसाइल परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के विरोध में उत्तर कोरिया ने फिलहाल बातचीत रोक रखी है. दक्षिण कोरिया के साथ उसके रिश्ते आज भी बहुत जटिल हैं.