1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

इतिहास में आज: 21 मार्च

२० मार्च २०१४

फारसी भाषा वाले देश फारस का नाम आज ही के दिन बदल कर ईरान किया गया. 1935 में औपचारिक रूप से ईरान अस्तित्व में आया.

https://p.dw.com/p/1BTQq
Die persische Noruz- Neujahrstafel haft-sin
तस्वीर: Getty Images/Afp/Aref Karimi

ईरान की सरकार ने 1935 में उन सभी देशों से खुद को फारस के बजाय ईरान कहे जाने के लिए अनुरोध किया, जिनसे उनके राजनयिक संबंध थे. फारसी भाषा में देश को ईरान नाम से ही जाना जाता रहा है. कहा जाता है कि नाम बदलने का प्रस्ताव जर्मनी में ईरान के राजदूत की तरफ से आया था. माना जाता है कि ईरान में रेजा शाह के शासन में आने के साथ ही वहां एक नए युग की शुरूआत हुई. फारस को ब्रिटेन और रूस के प्रभाव से काफी हद तक आजाद समझा जा रहा था. इसके पहले वहां कजारों का राज था और ब्रिटेन और रूस का वहां काफी असर था. ईरान के विदेश मामलों के मंत्री ने तेहरान के सभी विदेशी उच्चायोगों को एक सर्कुलर भेजा. उस सर्कुलर में कहा गया कि फारस देश अब ईरान के नाम से जाना जाएगा. और 21 मार्च 1935 से ही औपचारिक रूप से ईरान अस्तित्व में आया.

1953 में अमेरिका की खूफिया एजेंसी सीआईए ने ऑपरेशन आयाक्स शुरू किया. उसने राजनीतिज्ञों, अधिकारियों और धार्मिक नेताओं को रिश्वत देकर मुसादेक के खिलाफ करना शुरू किया. उधर शाह रजा पहलवी को मोसादेक को बर्खास्त करने के लिए तैयार किया गया. शाह की सेना ने हस्तक्षेप किया और इस तरह ईरान में लोकतांत्रिक परीक्षण का अंत हुआ. शाह को इसके बाद अमेरिका से बड़े पैमाने पर मदद मिली. इसके बाद 1979 में अयातुल्लाह खोमैनी की इस्लामी क्रांति ने शाह का तख्ता पलट किया.