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इतिहास में आज: 20 जनवरी

ऋतिका राय१९ जनवरी २०१५

अंटार्कटिक को पार करने के मिशन के साथ 1958 में आज ही के दिन खोजी दल साउथ पोल पर मिला था. यह अंटार्कटिक को सतह से पार करने का पहला प्रयास था.

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MV Akademik Shokalskiy Antarktis Eisbrecher CLOSE
तस्वीर: Reuters

माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर चुके न्यूजीलैंड के सर एडमंड हिलेरी अपने दल के साथ 17 दिन पहले ही साउथ पोल पहुंच चुके थे. इसके बाद वहां डॉक्टर विवियन 'बनी' फुख्स के नेतृत्व में ब्रिटेन का दल पहुंचा. इनका संयुक्त दल कॉमनवेल्थ ट्रांस-अटलांटिक अभियान का हिस्सा था. इन दोनों दलों ने महाद्वीप के दो विपरीत छोरों से नवंबर 1957 में चलना शुरु किया. न्यूजीलैंड की टीम ने रॉस सी से जबकि ब्रिटिश टीम ने वेडेल सी से अभियान की शुरुआत की. इन दोनों दलों ने साउथ पोल तक की यात्रा के लिए मोटराइज्ड गाड़ियों का इस्तेमाल किया. इन दलों का मकसद अंटार्कटिक की कुल 2,158 मील यानि लगभग 3,473 किलोमीटर की दूरी तय करना था.

अभियान के सदस्य अपनी यात्रा के साथ साथ कई वैज्ञानिक परीक्षणों को भी अंजाम दे रहे थे. इन प्रयोगों में भूकंप की जानकारी से जुड़ा सीस्मिक साउंडिंग प्रयोग और ग्रेवीमीट्रिक रीडिंग शामिल थे. खराब मौसम और बेहद कठिन रास्ते के बावजूद इस संयुक्त दल ने 2 मार्च 1958 को अंटार्कटिक का पहला सर्फेस क्रॉसिंग अभियान सफलता से पूरा किया. 2,000 मील से भी अधिक की यह यात्रा कुल 99 दिनों में पूरी हुई. इस कामयाबी के लिए डॉक्टर फुख्स को ब्रिटेन पहुंचने के बाद नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया. सर विवियन और सर हिलेरी ने इस यात्रा के बारे में मिल कर एक किताब भी लिखी, जिसका शीर्षक था, दि क्रॉसिंग ऑफ अंटार्कटिका.

Sardar Tenzing Norgay und Edmund Hillary
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo