इतिहास में आज: 19 मार्च
१८ मार्च २०१४1971 में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की आजादी की लड़ाई में भारत ने जिस तरह बांग्लादेश के अस्तित्व में आने की राह पर साथ दिया, वही दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती और अच्छे संबंधों की नींव बनी. 19 मार्च, 1972 को मैत्री संधि पर दोनों देशों के हस्ताक्षर के बाद आपसी सहयोग का एक नया दौर शुरू हुआ. बीते चालीस सालों में भारत-बांग्लादेश संबंधों ने भी कई उतार चढ़ाव देखे लेकिन हर हाल में मित्रता बरकरार रही.
पाकिस्तान से युद्ध खत्म होने के तुरंत बाद बांग्लादेश में बनी आवामी लीग की सरकार ने सीधे तौर पर भारत समर्थक नीतियां अपनाईं. 1971 से लेकर 1975 तक के समय को दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने वाला समय माना जाता है. शांति और सहयोग की बुनियाद पर हुई मैत्री संधि में जिन साझे मूल्यों का जिक्र था उनमें उपनिवेशवाद की निंदा और गुटनिरपेक्षता शामिल था. दोनों देशों ने एक दूसरे को यह वायदा भी दिया कि वे कला, साहित्य और सांस्कृतिक क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देंगे.
संधि के अनुच्छेद 6 में इस बात का भी उल्लेख था कि दोनों देश मिलकर संयुक्त नदी आयोग बनाएंगे जिससे पानी के बंटवारे को लेकर दोनों के हितों को सुनिश्चित किया जा सके. बाढ़ से बचने, नदी के घाटी क्षेत्र और पनबिजली के विकास को मिलकर बढ़ावा देने पर भी संधि में सहमति बनी.
भारत और बांग्लादेश के गहरे ऐतिहासिक संबंध सदियों पुराने हैं. साझे इतिहास, धर्म, और संस्कृति वाले दोनों देशों के बीच मित्रता का संबंध 1972 की मैत्री संधि से भी कहीं ज्यादा गहरा माना जाता है.