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इतिहास में आज: 19 दिसंबर

ऋतिका राय१८ दिसम्बर २०१४

डेढ़ सौ से भी ज्यादा सालों तक ब्रिटिश उपनिवेश रहे हांग कांग को आज ही के दिन 1984 में चीन को सौंपने के समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे. ब्रिटेन और चीन ने अगले 13 सालों में सत्ता का हस्तांतरण पूरा करने का फैसला लिया.

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China Soldaten der Volksbefreiungsarmee Archiv 2012
तस्वीर: AFP/GettyImages/Dale de la Rey

19 दिसंबर 1984 को ब्रिटेन की ओर से प्रधानमंत्री मारग्रेट थैचर और चीनी प्रधानमंत्री झाओ जियांग ने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस संयुक्त सहमति पत्र में तय हुआ कि 1997 तक हांग कांग को चीन को सौंप दिया जाएगा. 155 सालों तक हांग कांग में ब्रिटिश कब्जे के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों का एक नया अध्याय शुरु हुआ. संयुक्त घोषणा पत्र में कहा गया कि 1 जुलाई 1997 को हांग कांग को पुन: पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को सौंप दिया जाएगा और इस स्थानांतरण की अवधि होगी 50 साल. इस क्षेत्र को 'हांग कांग स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन' (एसएआर) कहा गया. ब्रिटेन इसके लिए इस गारंटी पर राजी हुआ कि उसे हांग कांग में "विदेश और रक्षा मामलों के अलावा बाकी हर क्षेत्र में ज्यादा स्वायत्तता मिलेगी." इसके लिए चीन ने "वन कंट्री, टू सिस्टम" का सिद्धांत लागू किया.

जून 1989 में चीन की राजधानी बीजिंग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों को रोकने के लिए सख्त सैनिक कार्रवाई की गई. इसमें कई लोगों की जान चली गई और "तियानमेन स्क्वेयर मैसेकर" के नाम से जाने जानी वाली इस घटना से ब्रिटेन और चीन के रिश्तों में काफी खटास आ गई. इसके तुरंत बाद ब्रिटेन की सरकार ने हांग कांग के करीब 50,000 परिवारों को ब्रिटिश पासपोर्ट दे डाले. 1992 में हांग कांग के अंतिम गवर्नर क्रिस पैटन ने लोकतांत्रिक सुधारों की शुरुआत की जिसका चीनी सरकार ने कड़ा विरोध किया. सालों तक चली द्विपक्षीय बातचीत की एक लंबी कड़ी के बाद ब्रिटेन और चीन के बीच संबंध फिर सुधरे. फिर 13 साल पहले हुए समझौते को लागू करते हुए 1 जुलाई 1997 को हांग कांग में हुए एक बड़े समारोह में इसे चीन को सौंप दिया गया.