इतिहास में आज: 11 मई
११ मई २०१४
टोबा टेकसिंह, खोल दो, ठंडा गोश्त जैसी एक से एक कहानियां दुनिया को देने वाले सआदत हसन मंटो आज ही के दिन 1912 में भारत के समराला में पैदा हुए.
फिल्म, रेडियो, स्क्रिप्ट राइटिंग, पत्रकारिता ऐसा कोई काम नहीं जो मंटो ने नहीं किया हो. उनकी कहानियों के करीब 22 संग्रह प्रकाशित हुए हैं. इसके अलावा उनके नाम पर एक नॉवेल, पांच रेडियो प्ले और निबंधों के तीन संग्रह और दो संग्रह निजी स्कैचेस के हैं.
भारत और पाकिस्तान के अलग होने से पहले ब्रिटिश इंडिया में मंटो पर छह बार अश्लीलता का मुकदमा चला और पाकिस्तान में तीन बार. लेकिन उन्हें कभी दोषी साबित नहीं किया जा सका.
काली सलवार जैसी उनकी कई कहानियां हैं जो सीधे मन मस्तिष्क को भेदती हैं. उन्हें पढ़ने वाला इन कहानियों को भूल नहीं सकता. वो पाठक के दिमाग में काफी समय तक घूमती रहती हैं.
1936 में मंटो अलीगढ़ से मुंबई आए और उन्होंने एक फिल्म पत्रिका तसव्वुर के लिए लिखना शुरू किया. इसके अलावा दो फिल्मों के लिए मंटो ने डायलॉग भी लिखे. आठ दिन, चल चल रे नौजवान और मिर्जा गालिब जैसी फिल्मों के लिए लिखे उनके स्क्रीनप्ले काफी मशहूर भी हुए. 1948 में मंटो ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया.
उनके मशहूर स्कैच पाकिस्तान के अफाक नाम के अखबार में प्रकाशित हुए थे. इनमें अशोक कुमार, नरगिस, इस्मत चुगताई, नूरजहां, मोहम्मद अली जिन्ना जैसे कई मशहूर लोगों के स्कैच शामिल थे.