इतिहास में आज: 1 जून
३१ मई २०१३उन्हें हिन्दी सिनेमा के इतिहास की सबसे बेहतरीन अभिनेत्रियों में गिना जाता है. जितनी जबरदस्त वह मां के किरदार में दिखाई दीं उतनी ही सहज वह प्रेमिका और पत्नी के किरदार में भी नजर आती थीं.
फिल्मों में उनकी शुरुआत 1935 में बाल कलाकार के रूप में फिल्म तलाश-ए-हक के साथ हुई. लेकिन उनकी असली शुरुआत हुई फिल्म तमन्ना के साथ 1942 में. ज्यादातर फिल्मों में उनकी जोड़ी राजकपूर के साथ दिखाई दी. फिल्म मदर इंडिया में राधा का किरदार उनका सबसे सशक्त किरदार माना जाता है. इस फिल्म के बाद ही उन्होंने मदर इंडिया के अपने सहकलाकार सुनील दत्त के साथ शादी कर ली और फिल्मों से दूर हो गईं. हालांकि इसके बाद साठ के दशक में उन्होंने बीच बीच में कुछ फिल्मों में छोटे मोटे किरदार किए.
सत्तर के दशक में वह समाज सेवा के क्षेत्र में काफी सक्रिय हो गईं और 1980 में उन्हें राज्य सभा सदस्य के रूप में भी नामांकित किया गया. एक साल बाद ही बेटे संजय दत्त की पहली फिल्म से कुछ दिन पहले ही उनका देहांत हो गया. राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में उनके नाम पर ही सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म को नरगिस दत्त अवॉर्ड दिया जाता है.