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इतिहास में आज: 2 जुलाई

१ जुलाई २०१४

हज के दौरान मक्का में 2 जुलाई 1990 को भयानक हादसा हुआ. लाखों लोगों की भीड़ की वजह से भगदड़ मची और करीब 1400 लोगों की जान चली गई.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

दुनिया भर से हर साल लाखों लोग हज के लिए मक्का पहुंचते हैं. 1990 के हज का यह साल एक दर्दनाक हादसे का गवाह बना. पिछले कुछ सालों में हज के दौरान हुए हादसों में यह सबसे बड़ी घटना थी. पैदल यात्रियों के लिए बनाई गई सुरंग में यह भगदड़ मची. इस्लाम मानने वालों के लिए, अगर हैसियत हो तो, जिंदगी में एक बार हज करना फर्ज है. मुसलमानों के लिए पांच फर्ज हैं जिसमें हज भी है. हर साल दुनिया भर से 20 लाख से ज्यादा लोग हज यात्रा करते हैं. इसमें भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी हादसे की वजह बन चुकी है.

इसके अलावा मीना में एक धार्मिक रिवाज के दौरान कई छोटे बड़े हादसे हो चुके हैं. मीना में "शैतान को कंकर मारने" की परंपरा है. 1998 में करीब 110 लोग इस तरह के हादसे में मारे गए और करीब 180 हज यात्री गंभीर रूप से घायल हुए थे. मीना में कंकर मारने के दौरान काफी अफरा तफरी का माहौल होता है. साल 2001 और 2002 में हुए हादसों में 30 से अधिक लोग मीना में अपनी जान गंवा चुके हैं. साल 2003 में एक भगदड़ में वहां 244 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी. साल 2006 में 363 यात्री कभी लौट कर घर नहीं जा पाए.

सिर्फ भगदड़ ही हादसे की वजह नहीं है. साल 1997 में मीना में टेंटों में लगी आग के कारण 340 लोगों की मृत्यु और 1400 से अधिक घायल हुए. 1991 में सऊदी अरब से नाइजीरिया जा रहा हज यात्रियों का विमान हादसे का शिकार हुआ, इसमें 261 यात्रियों की मौत हुई थी. साल 1990 में हुआ हादसा संगठनों और अधिकारियों की विफलताओं का नतीजा था. लंबी सुरंग में कुचलने और दम घुटने के कारण 1426 लोग मारे गए थे. इस हादसे के बाद सुरक्षा के इंतजाम कड़े किए गए लेकिन सफलता सीमित ही रही.