इतिहास में आज: दो जनवरी
१ जनवरी २०१५इसी दिन किंग फेर्डिनांड पंचम और रानी ईसाबेला प्रथम की ईसाई सेनाओं के सामने ग्रेनाडा के मूर शासकों ने घुटने टेके थे. ग्रेनाडा के हाथ से निकलने के साथ ही स्पेन में मुसलमान मूर शाहों का साम्राज्य खत्म हो गया.
दक्षिणी स्पेन में दारो और गेनिल नदियों के संगम पर बसा ग्रेनाडा शहर मूर शासकों का गढ़ था. 11वीं शताब्दी में सुल्तान आल्मोराविद के शासनकाल में ग्रेनाडा शक्ति और प्रभाव के मामले में अपने चरम पर था. 1238 में स्पेन के कई हिस्सों पर ईसाई सेनाओं ने मूर शासकों को हराते हुए वहां कब्जा करने का सिलसिला शुरू किया. इस कारण देश के बाकी हिस्सों से ज्यादातर मुसलमान दक्षिणी स्पेन के ग्रेनाडा के इलाकों में बसने लगे. धीरे धीरे ग्रेनाडा का साम्राज्य मूरिश सभ्यता का इकलौता सबसे बड़ा गढ़ बन कर रह गया.
इन दो सौ सालों की अवधि में ग्रेनाडा का खूब सांस्कृतिक और आर्थिक विकास हुआ. 15वीं शताब्दी के अंतिम चरण में कई आंतरिक झगड़ों के चलते स्पेन में ईसाई राजा फेर्डिनांड और ईसाबेला की राजशाही काफी ताकतवर बन कर उभरी. इसके चलते देश में ज्यादातर जगहों पर उन्होंने कई शताब्दियों से चले आ रहे मूरिश साम्राज्य का खात्मा कर दिया. 2 जनवरी 1492 को ग्रेनाडा के अंतिम मूर शासक राजा बोआब्दिल ने उसे स्पेनी सेनाओं को सौंप दिया. इसके बाद 1502 में स्पेनी शासन ने सभी मुसलमानों को जबरदस्ती ईसाई बनाने का आदेश दे दिया. अगली पूरी शताब्दी अनगिनत अत्याचारों की गवाह बनी और 1609 तक भी मूर वंश के जिन लोगों ने इस्लाम धर्म नहीं छोड़ा, उन्हें स्पेन से देश निकाला दे दिया गया.