1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

इतिहास में आज: तीन फरवरी

ऋतिका राय२ फ़रवरी २०१५

आज ही के दिन 1986 में मदर टेरेसा और पोप जॉन पॉल द्वितीय भारत में मिले थे और मिलकर रोगियों की सेवा की थी.

https://p.dw.com/p/1EUYF
1986 Kalkutta Papst Johannes Paul II. mit Mutter Teresa
तस्वीर: imago/UPI Photo

मिशनरीज ऑफ चैरिटी की मुखिया मदर टेरेसा से कोलकाता में मिलकर पोप जॉन पॉल द्वितीय ने सेक्रेड हार्ट आश्रम का दौरा किया. मदर टेरेसा ने 1950 में सेक्रेड हार्ट यानि निर्मल हृदय की स्थापना की थी. यहां वे टीबी, कैंसर, कुपोषण जैसे रोगों से ग्रस्त लोगों की सेवा किया करती थीं. जब पोप इस आश्रम में मदर टेरेसा के साथ पहुंचे तो वे भावाद्वेलित हुए. उन्होंने भी रोगियों को दवा और भोजन कराया. इस यात्रा के बारे में वेटिकन से जारी हुए वक्तव्य में कहा गया कि पोप वहां कि स्थिति देख कर इतने विचलित हो गए थे कि कई बार वे मदर टेरेसा की बातों का कोई जवाब भी नहीं दे पाए.

मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पोप की इस यात्रा को उन्होंने अपने "जीवन का सबसे बड़ी खुशी का दिन" बताया. नई दिल्ली में दो दिन बिता कर कोलकाता पहुंचे पोप का लाखों लोगों की भीड़ ने स्वागत किया था. मूल रूप से अल्बानिया की निवासी मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन दूसरों की सेवा में समर्पित कर दिया. 5 सितंबर 1997 को 87 साल की उम्र में उनका देहांत हुआ. 1950 में केवल 12 ननों के साथ शुरु हुआ उनका संगठन 'मिशनरीज ऑफ चैरिटी' अब 5,000 से ज्यादा ननों के साथ करीब 133 देशों में फैल चुका है. इन देशों में यह सेवाघर, स्कूल और बीमार और मरणासन्न लोगों के लिए सेवाश्रम चलाते हैं.

Friedensnobelpreisträger 1979 Mutter Teresa
तस्वीर: AP