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कॉन्ट्रैक्ट किलर का दाम

३१ जनवरी २०१४

ब्रिटेन में एक अजीबोगरीब शोध किया गया है. शोध का मकसद है इस बात का पता लगाना कि कॉन्ट्रैक्ट किलर किस दाम में मिल जाते हैं. वे इस बात पर हैरान थे कि कीमत महज 200 पाउंड भी है.

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Mr. and Mrs. Smith 2005
फिल्म मिस्टर एंड मिसेज स्मिथ में कॉन्ट्रैक्ट किलर बने एंजलीना जोली और ब्रैड पिट.तस्वीर: picture alliance/kpa

बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में की गयी इस रिसर्च में देखा गया कि अलग अलग तरह के कॉन्ट्रैक्ट किलर अलग अलग दाम तय करते हैं. 200 पाउंड से लेकर एक लाख पाउंड तक, यानि बीस हजार रुपये से ले कर एक करोड़ तक.

इसके लिए 1974 से 2013 तक के आंकड़े जमा किए गए. जाहिर है इसके लिए शोधकर्ता खुद कॉन्ट्रैक्ट किलर से तो नहीं मिले, पर उन्होंने इन सभी सालों के मामलों पर ध्यान दिया. उन्होंने जांच के दस्तावेजों से और अखबारों में छपी खबरों से आंकड़े जमा किए. साथ ही जांचकर्ताओं से भी बात की. उन्होंने 36 कॉन्ट्रैक्ट किलर के बारे में पता किया जिनमें एक महिला भी थी.

ज्यादातर लोगों ने कत्ल करने के लिए बंदूक का इस्तेमाल किया था. शोध करने वाले डेविड विल्सन बताते हैं, "लोगों को लगता है कि कॉन्ट्रैक्ट किलर गुप्त लोग होते हैं जिन्हें वे फिल्मों और वीडियो गेमों में देखते हैं. पर सच्चाई ऐसी नहीं है." विल्सन बताते हैं कि जिस तरह फिल्मों में दिखाया जाता है कि बेहद महंगी बंदूक हाथ में लिए कोई व्यक्ति ऊंची सी इमारत से किसी को निशाना बनाता है, असल जिंदगी में ऐसा नहीं होता, "ज्यादातर वे सड़क पर चलते फिरते ही वार करते हैं, जब लोग खरीदारी के लिए निकलते हैं या फिर अपने कुत्ते के साथ सैर कर रहे होते हैं."

रिसर्चरों ने इन अपराधियों की प्रोफाइल तैयार की है और इन्हें अलग अलग श्रेणियों में बांटा है. नोविस या नौसिखिया, यह ऐसा व्यक्ति है जो पहली बार किसी का कत्ल करने जा रहा है. एमेच्योर या गैरपेशेवर, इस तरह के व्यक्ति का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं होता. वह केवल आर्थिक कारणों से ऐसा काम करने लगता है. अकॉम्पलिस या जुर्म में सहयोगी, इस तरह का व्यक्ति गुनाहों से तो जुड़ा होता है, लेकिन उसने कभी कत्ल नहीं किया होता. अंत में प्रोफेशनल यानि पेशेवर. ये लोग कभी ना कभी सेना या अन्य ऐसी सेवाओं से जुड़े रहे हैं जिनसे इन्हें लोगों को मारने की ट्रेनिंग मिली हो. यही वजह है कि इन्हें पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है. फिल्मों में अक्सर ऐसे ही लोगों को हीरो बना कर दिखाया जाता है.

आईबी/एमजे (डीपीए)

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