लंबी कैसे हुई जिराफ की गर्दन
१८ मई २०१६जिराफ होना आसान नहीं है. अपनी 2 मीटर लंबी गर्दन से होते हुए मस्तिष्क की कोशिकाओं में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिए जिराफ के दिल को काफी मशक्कत करनी होती है. इसके चलते सामान्य स्तनपायी जीवों की तुलना में जिराफ का ब्लड प्रेशर तकरीबन दोगुना होता है.
इस जानवर की खास संरचना चार्ल्स डार्विन से लेकर अब तक के सभी जीवविज्ञानियों के लिए पहेली ही रही है. लेकिन अब जिराफ के सबसे करीबी रिश्तेदार, छोटी गर्दन वाले ओकापी के जीनोम के साथ तुलना करके वैज्ञानिकों ने इस पहेली को काफी हद तक सुलझा लिया है. इसके जरिए वैज्ञानिकों ने सीमित संख्या में मौजूद उन जीनों की पहचान की है जो शरीर के आकार और रक्त संचार के इस फर्क की वजह हैं.
रिसर्च से पता चला है कि जिराफ की लंबी गर्दन और शक्तिशाली हृदय का विकास अपेक्षाकृत बेहद कम जेनेटिक परिवर्तनों से ही हो गया.
अफ्रीका के तंजानिया में अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के मोरिस अगाबा और उनके सहयोगियों ने अपने इस शोध से जुड़े निष्कर्षों को नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित किया है. वे कहते हैं, ''जिराफ की गर्दन के बारे में कई सिद्धांत हैं लेकिन इस शोध से पता चलता है कि जिराफ के हृदय तंत्र का विकास उसके कंकाल तंत्र के साथ साथ ही हुआ.''
हालांकि यह पता चल जाने के बाद भी अभी वह विवादित प्रश्न अपनी जगह बरकरार है कि आखिर जिराफ की गर्दन इस तरह लंबी हुई क्यों?
इस बात का एक तकरीबन सर्वमान्य जवाब डार्विन के पास मिलता है कि जिराफ की गर्दन ऊंचे पेड़ों की पत्तियां चरने के लिए लंबी होती गई. लेकिन इस विचार को 20 साल पहले चुनौती दी गई थी कि ऐसे लंबी गर्दन वाले कई पक्षी भी मौजूद हैं. इस चुनौती के साथ ही जिराफ की लंबी गर्दन के लिए एक नई हाइपोथेसिस भी सामने आई थी. इसमें कहा गया था कि जिराफों के यौन व्यवहार और पुरूष जिराफों में इसके लिए प्रतिस्पर्धा के चलते जिराफों की गर्दन लंबी हुई.
आरजे/आरपी (रॉयटर्स)