इटैलियन नागरिकता में नस्ली विवाद
२१ जून २०१३इसी महीने रोम में जन्मे सावियो वार्नाकुलसूरिया को इस देश में हमेशा रहने का अधिकार पाने के लिए 18 साल इंतजार करना होगा. तब तक उनके रहने का अधिकार सावियो के श्रीलंकाई मां बाप से जुड़ा है. सावियो यहां पैदा होने वाले उन हजारों बच्चों में है जिनके लिए एकीकरण मंत्री सेसिल क्येंगे जन्म के साथ ही नागरिकता का अधिकार देने की मांग कर रही हैं. सेसिल की मांग ने बहुत से इटलीवासियों को हैरान किया है और उनके खिलाफ नस्लभेदी आरोपों की बाढ़ आ गई है.
इटली के सामने बड़ी संख्या में दक्षिण यूरोप से आ रहे शरणार्थियों का संकट है. हर साल हजारों शरणार्थी यहां भूमध्यसागर से जुड़े किनारों पर पहुंच रहे हैं. देश में नॉर्दर्न लीग जैसी विपक्षी पार्टियां अप्रवासियों के अधिकार बढ़ाने का विरोध कर रही हैं. उनका दावा है कि इससे अपराध और सांस्कृतिक मतभेद बढ़ रहा है. सेसिल कांगो में पैदा हुईं और इटली की पहली अश्वेत मंत्री हैं. उनका कहना है कि नागरिकता पर रुख को बदलने का वक्त आ गया है जिसकी शुरुआत प्रवासियों के बच्चों से होना चाहिए. सावियो के पिता फर्नांडो मानते हैं कि नागरिकता कानून के आसान होने का स्वागत होगा, "जितनी जल्दी वो हमारे बेटे को नागरिकता दे दें उतना अच्छा होगा. मैं थोड़ा चिंतित हूं, हम चाहते हैं कि वह यहां बिना किसी दिक्कत के रहे और काम करे."
असुरक्षा
नागरिकता पाने में दिक्कत लोगों के मन में असुरक्षा बढ़ा देती है. पेशे से सेक्रेटरी 34 साल की एरिका एरिबासप्लाटा को अर्जेंटीना के एक दंपति ने रोम में जन्म दिया. वो बताती हैं कि नागरिकता का अधिकार न होने के कारण स्कूल के दिनों से ही उन्हें यहां बहुत मुश्किलें सहनी पड़ीं. एरिका ने कहा, "मुझे याद है कि जब मेरे स्कूल से लंदन के लिए ग्रुप गया तो मैं सीमा पर सख्ती के कारण उनके साथ नहीं जा सकी और मुझे एक बिल्कुल अलग रास्ता लेना पड़ा जिसमें मुझे ज्यादा इंतजार और ज्यादा चेकिंग मिला." वो बताती हैं कि सबसे ज्यादा परेशानी इस बात से थी कि उनकी नागरिकता उनके मां बाप से जुड़ी थीं और उससे असुरक्षा का अहसास होता. वो रोम में पैदा हुईं और अलग अलग संस्कृतियों के बीच फंस गई थीं.
इटली में प्रजनन की दर घटकर 1.4 बच्चे प्रति महिला पर आ गई है. इसका मतलब है कि देश को अपनी बुढ़ाती आबादी का ख्याल रखनेके लिए नए लोगों की जरूरत होगी. यहां पैदा हुए बच्चे अगर बचपन में कुछ समय विदेश में बिता लें तो उनके लिए नागरिकता मुश्किल है. इसी तरह के कुछ दूसरे नियम भी हैं. सेसिल इन्हीं नियमों को आसान बनाना चाहती हैं. उनका कहना है, "हम उन युवाओं की बात कर रहे हैं जो देश में भविष्य के नेता हो सकता हैं या फिर 18 साल की उम्र में नागरिकता नहीं मिले तो यहां की सड़कों पर खो सकते हैं." सेसिल ने प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नई योजना की रुपरेखा पेश की है और जल्दी ही वह यूरोपीय संघ के पास भी जाने वाली हैं ताकि पूरे इलाके में नागरिकता के लिए एक तरह की प्रक्रिया अपनाई जा सके.
इटली परेशान
सेसिल के प्रस्तावों का स्वागत हो रहा है लेकिन उनके आलोचक भी कम नहीं. दुखद यह है कि आलोचनाएं नस्लभेद और निजी सीमाओं को भी पार कर रही है. पिछले दिनों यूरोपीय संसद के यूरोप ऑफ फ्रीडम एंड डेमोक्रैसी गुट से नॉर्दर्न लीग के सदस्य मारियो बोरगेजियो को बाहर कर दिया गया. मारियो ने सेसिल के खिलाफ कई तीखी बातें कही थीं इनमें एक यह भी था कि वो कांगो की "कबायली परंपराओं" को इटली पर थोपना चाहती हैं. पिछले हफ्ते लीग के एक स्थानीय अधिकारी ने फेसबुक पर एक संदेश लिख कर देश में हंगामा मचा दिया. संदेश में लिखा था कि सेसिल के साथ बलात्कार होना चाहिए ताकि वो समझ सकें कि अप्रवासियों के अपराध का शिकार हुए लोगों को कैसा महसूस होता है.
सेसिल के प्रयासों का भले ही विरोध हो और शायद सफलता मिले भी तो सीमित लेकिन फिर भी अप्रवासियों को खुशी है कि कम से कम इस पर कुछ तो काम की पहल हुई.
एनआर/एएम(रॉयटर्स)