इज़रायल से गिरफ़्तार मदद कार्यकर्ताओं की वापसी
२ जून २०१०प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतानयाहू के दफ़्तर से जारी की गई एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंगलवार रात से जहाज़ी बेड़े से गिरफ़्तार किए गए सभी विदेशी नागरिकों की वापसी शुरू हो जाएगी. बेड़े के 6 जहाज़ों पर इज़रायली नौसेना के घातक हमले के बाद 42 देशों के 682 कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया था. इनमें से दर्जनों को स्वदेश वापस भेज दिया गया है, लेकिन अभी भी सैकड़ों गिरफ़्तार हैं, जिनमें से अधिकतर तुर्की के नागरिक हैं.
सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने एक हलफ़नामें पर दस्तखत करने से इंकार कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने गैरकानूनी ढंग से इज़रायल में घुसपैठ की है. ज्ञातव्य है कि अंतर्राष्ट्रीय समुद्र क्षेत्र में इस जहाज़ी बेड़े पर हमला किया गया था.
इस बीच अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ने मांग की है कि उनके प्रतिनिधियों को गिरफ़्तार कार्यकर्ताओं से मिलने दिया जाए. रेडक्रॉस के प्रतिनिधिमंडल के नेता पियरे वेट्टाख ने कहा कि घायल व गिरफ़्तार लोगों की हालत का पता लगाना उनका मुख्य काम है.
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलैरी क्लिंटन ने कहा है कि गज़ा की स्थिति बिगड़ी हुई है और उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि इज़रायल की जायज़ सुरक्षा ज़रूरतों को ध्यान में रखना होगा, लेकिन साथ ही फ़लीस्तीनियों के लिए ज़रूरी मानवीय मदद और पुनर्निर्माण की सामग्रियों की नियमित आपूर्ति की भी गारंटी देनी पड़ेगी.
जर्मनी वापस लौटे पूर्व जर्मन सांसद 72 वर्षीय नोर्मान पेख ने कहा कि जहां तक कार्यकर्ताओं की ओर से हिंसा का सवाल है, तो उन्होंने दो या तीन लोगों के हाथों में डंडे देखे. किसी के पास चाकू नहीं था. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुद्र क्षेत्र में ऐसा हमला सीधे-सीधे समुद्री डकैती का मामला है.
इस बीच फ़्री गज़ा मूवमेंट की नेता ग्रेटा बर्लिन ने कहा है कि गज़ा की नाकेबंदी तोड़ने के लिए वे फिर एक पहल करने वाले हैं. उनका अगला जहाज़ रैषेल कोरी एक हफ़्ते के अंदर यात्रा के लिए तैयार हो जाएगा. जुलाई में एक नया जहाज़ी बेड़ा गज़ा के लिए रवाना होगा.
इज़रायल के उप रक्षा मंत्री मातान विलनाई ने कहा है कि किसी भी जहाज़ को गज़ा नहीं पहुंचने दिया जाएगा, जो इज़रायल के ख़िलाफ़ आतंकवाद का एक अड्डा बन चुका है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ओ सिंह