इक्वाडोर में आपातकाल, राष्ट्रपति सकुशल
१ अक्टूबर २०१०सरकार की नीतियों के खिलाफ विद्रोही रुख अख्तियार कर चुके पुलिसकर्मियों ने पिछले 12 घंटे से उस अस्पताल की घेराबंदी कर रखी थी जिसमें कोरेया को घायल होने के बाद भर्ती कराया गया. सहायक गृह मंत्री एडविन जेरिन ने आपात स्थिति लागू करने की जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रपति कोरेया पूरी तरह से सुरक्षित हैं. इसके साथ ही नागरिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया है और सेना पर देश में शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी आ गई है.
इस दौरान पुलिस प्रवक्ता रिचर्ड रेमिरेज ने बताया कि देश के पुलिस प्रमुख फ्रेडी मार्टिनेज ने गुरुवार की घटना की जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रपति के पास अपना बिना शर्त इस्तीफा भेज दिया है.
इस बीच रेड क्रॉस की ओर से बताया गया कि सेना की कार्रवाई में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 37 लोग घायल हो गए. इसके अलावा राष्ट्रपति समर्थकों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई झड़पों में कम से कम 50 लोग घायल भी हुए हैं. इधर सेना प्रमुख अर्नेस्टो गोंजालेज पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सेना राष्ट्रपति के साथ है.
पूरे मामले की जड़ में भारी वित्तीय घाटे से जूझ रही सरकार का वह फैसला है जिसमें खर्चों में कटौती करने के लिए पुलिसकर्मियों के वेतन भत्तों में कमी कर दी गई. इस नाटकीय घटनाक्रम की शुरुआत गुरुवार सुबह हुई जब कोरेया नाराज पुलिसकर्मियों से बात करने के लिए उनकी बैरकों में चले. कोरेया ने जैसे ही अपने फैसले पर कायम रहने की बात कही और अचानक पुलिसकर्मी भड़क उठे. उसी समय उन पर आंसू गैस के गोले से हमला कर दिया गया.
इधर पड़ोसी देश अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में चिली और पेरू सहित अन्य दक्षिण अमेरिकी देशों के राष्ट्रपतियों की एक आपात बैठक हुई. इसमें जारी संयुक्त बयान में सभी ने इसकी निंदा करते हुए कोरेया के प्रति अपना समर्थन जताया है. इक्वाडोर की जनसंख्या 1 करोड़ 40 लाख है और वहां राजनीतिक अस्थिरता का लंबा इतिहास रहा है. इससे पहले भी तीन राष्ट्रपतियों को जनता बेदखल कर चुकी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/निर्मल
संपादनः वी कुमार