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आसमान में ईरान का बंदर

Priya Esselborn२९ जनवरी २०१३

परमाणु कार्यक्रम को लेकर विवादों से घिरे ईरान ने अचानक अंतरिक्ष में अपना बंदर भेज दिया. सफल अंतरिक्ष अभियान की शुरुआत के साथ ईरान का दावा है कि 2020 तक वह अपने अंतरिक्ष यात्री भी भेजेगा.

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NOAA satellite image for larger view of Hurricane Katrina taken on Aug. 28, 2005, at 11:45 a.m. EDT when the storm was a Category Five hurricane. Datum: Aug. 28, 2005, at 11:45 a.m. EDT Quelle: Lifted from en.wikipedia; description page is/was here. Originally from http://www.noaanews.noaa.gov/stories2005/images/katrina-08-28-2005-1545zc.jpg as linked by http://www.noaanews.noaa.gov/stories2005/s2494.htm Urheber: Original uploader was Kyle Andrew Brown at en.wikipedia Genehmigung: PD-LAYOUT; PD-USGOV; PD-USGOV-DHS-CG.
तस्वीर: Kyle Andrew Brown

ईरानी न्यूज एजेंसियों के अनुसार इस हफ्ते एक खास किस्म के कैप्सूलनुमा यान में बंदर को बिठा कर अंतरिक्ष में भेजने का कामयाब परीक्षण किया गया है. वॉशिंगटन ने कहा है कि अगर यह खबर सच है तो प्रक्षेपण मिसाइल तकनीक के प्रतिबंध का उल्लंघन किया है.

समाचार चैनल अल आलम और तेहरान की समाचार एजेंसियों के मुताबिक बंदर लगभग 120 किलोमीटर की ऊंचाई पर जाकर पृथ्वी पर सुरक्षित लौट चुका है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कहा कि इस बात की पुष्टि नहीं कर सकती हैं कि यह खबर सच है या नहीं. लेकिन "हमारा इस बारे में चिंतित होना स्वाभाविक कारणों से है. अंतरिक्ष में किसी भी प्राणी को ले जाने वाले यान को विकसित करने का मतलब है प्रक्षेपण मिसाइल तकनीक को विकसित करना."

अंतरिक्ष में जीव भेजने के मुद्दे पर ईरान के रक्षा मंत्री अहमद वाहिदी ने कहा, "इंसान के अंतरिक्ष पर विजय पाने की दिशा में यह एक अहम कदम साबित हुआ और इससे भविष्य के लिए और रास्ते खुलेंगे. हालांकि मानव को अंतरिक्ष में इस तरह उतारने में अभी बहुत समय लगेगा." इससे पहले चूहे, कछुए और केंचुए को अंतरिक्ष में भेजने के प्रयोग कामयाब हो चुके हैं. वाहिदी ने कहा कि यह प्रयोग पुराने अनुभवों को बढ़ाते हैं और आगे के लिए रास्ते खोलते हैं.

ईरानी टीवी चैनलों ने उस यान को दिखाया जिसमें बंदर को बिठाकर भेजा गया. यह कैप्सूलनुमा यान बच्चों की कार जैसा दिखता है. इससे पहले 2011 में इस्लामी गणतंत्र ईरान का बंदर भेजने का प्रयोग विफल हो गया था.

इससे पहले 2007 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा काउंसिल ने ईरान पर इस तरह की कोई भी नाभिकीय और अंतरिक्ष तकनीक विकसित करने पर रोक लगा दी थी. ईरान ने हमेशा इस बात से इनकार किया है कि नाभिकीय या अंतरिक्ष से जुड़ी तकनीक विकसित करने के पीछे उनके किसी भी तरह के सैन्य उद्देश्य हैं.

अंतरिक्ष में ईरान ने अपनी पहली सैटेलाइट फरवरी 2009 में भेजी थी. इसके एक साल बाद तेहरान ने दावा किया कि उन्होंने अंतरिक्ष कक्ष में चूहे, कछुए और केंचुए को सवार कर रॉकेट भेजा जो कि कामयाब पृथ्वी पर लौटा. तेहरान का मानना है कि पश्चिम उसकी वैज्ञानिक उपलब्धियों को फलने फूलने नहीं देना चाहता और लगातार उन पर सैन्य उद्देश्य के आरोप लगाकर उन्हें दबाना चाहता है.

एसएफ/एजेए (एएफपी, डीपीए)

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