आर्थिक सुधारों का मसौदा पेश करेगा ग्रीस
२४ मार्च २०१५मैर्केल ने सिप्रास को ढांचागत सुधार जारी रखने की सलाह दी और कहा कि वह देश के विकास को आगे बढ़ाने और बेरोजगारी कम करने की पक्षधर हैं. मैर्केल ने ग्रीस को आर्थिक संकट से निकालने के लिए उसे वित्तीय सहायता देने के बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया.
सिप्रास का जर्मनी दौरा ऐसे समय पर हुआ जबकि देश भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है और यूरोजोन से बाहर होने पर मजबूर हो सकता है. मुलाकात से पहले दोनों देशों के नेताओं ने यही जाहिर किया कि यह मुलाकात सबंधों में सुधार के लिए है आर्थिक संकट से संबंधित नहीं.
ग्रीस के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री अलेक्सिस सिप्रास और ग्रीस को कर्ज देने वाले यूरोजोन के देशों के बीच पिछले हफ्ते ब्रसेल्स में हुई बातचीत के बाद यह तय हुआ था कि ग्रीस आर्थिक सुधारों का नया मसौदा पेश करेगा. इस मसौदे का मकसद एथेंस की पिछली सरकार के बजट लक्ष्यों को पूरा करना होगा.
अब तक जाहिर नहीं है कि ग्रीस के पास ढांचागत सुधार के कोई बड़े अहम उपाय हैं. सरकारी सूत्रों के मुताबिक नए मसौदे में रिटायरमेंट की उम्र और पर्यटन टैक्सों में परिवर्तन हो सकते हैं. सरकारी प्रवक्ता गाब्रियाल साकिलारिडिस ने कहा कि ग्रीस अगले हफ्ते सोमवार तक नया मसौदा पेश कर देगा. कर्ज संकट से जूझ रहे ग्रीस को अतिरिक्त राहत पूंजी चाहिए, जिसके लिए वह नए सुधारों का मसौदा पेश करने के लिए राजी हो गया है. सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि नया मसौदा ढांचागत होगा.
अंगेला मैर्केल ने जर्मनी की यात्रा पर आए सिप्रास के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह ग्रीस को आर्थिक दृष्टि से एक शक्तिशाली देश बनते तथा उसकी विकास दर में वृद्धि देखना चाहती हैं. यूरो जोन में ग्रीस में बेरोजगारी दर सर्वाधिक है. सिप्रास ने कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे को समझने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि न तो ग्रीस के लोग काहिल हैं और न ही अपनी समस्याओं के लिए जर्मनी को दोषी ठहराकर छुटकारा पा सकते हैं. अपनी समस्याओं के निदान के लिए हमें परिश्रम के साथ काम करने की जरूरत हैं.
एसएफ/ओएसजे (रॉयटर्स,डीपीए,वार्ता)