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आपातकाल की ओर बढ़ता यूक्रेन

२७ जनवरी २०१४

यूक्रेन में सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर प्रदर्शन नहीं रुके तो देश में आपात काल की घोषणा कर दी जाएगी. राजधानी कीव के अलावा कई और शहरों में भी भीषण प्रदर्शन हो रहे हैं.

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तस्वीर: Reuters

यूक्रेन का विपक्ष राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के प्रस्ताव को खारिज कर चुका है. यानुकोविच ने विपक्षी नेता आर्सेनी यातसेनयुक को प्रधानमंत्री और बॉक्सर विटाली क्लिचको को उप प्रधानमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव दिया था. विपक्षी नेताओं का कहना है कि इतना काफी नहीं है. यातसेनयुक ने कहा है कि वे जिम्मेदारी लेने से डर नहीं रहे. और वे चाहते हैं कि देश की बागडोर के बारे में फैसला राष्ट्रपति नहीं, देश की जनता करे. उनकी मांग है कि यानुकोविच इस्तीफा दें और देश में जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं. निर्धारित समय से अगले चुनाव 2015 में होने हैं. यानुकोविच ने विपक्ष की मांगों को सिरे से खारिज कर दिया है जिसके बाद प्रदर्शन और हिंसक हो गए हैं.

'जहरीला प्रस्ताव'

राजधानी कीव में प्रदर्शनकारियों ने न्याय मंत्रालय की इमारत पर कब्जा कर लिया है और उसके बाहर बैरिकेड भी लगा दिए हैं. न्याय मंत्री येलेना लुकाश ने चेतावनी दी है कि यदि प्रदर्शन नहीं थमे तो देश में आपात स्थिति लागू कर दी जाएगी, "अगर फौरन इमारत खाली नहीं की जाती तो मुझे मजबूरन राष्ट्रपति से कहना होगा कि बातचीत बंद करें."

Kiew Gewalt und Protest 26.01.2014
कीव में दो महीनों से प्रदर्शन जारीतस्वीर: Reuters

क्लिचको ने कहा है कि वह प्रदर्शनकारियों से इमारत खाली करने की अपील कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में चल रहे संघर्ष का राजनैतिक हल निकलना जरूरी है. जर्मन अखबार 'बिल्ड' से बात करते हुए क्लिचको ने कहा कि राष्ट्रपति "यानुकोविच ने जहर भरा प्रस्ताव दिया है ताकि विपक्षी आंदोलन को तोड़ा जा सके." यातसेनयुक और क्लिचको दोनों राष्ट्रपति की नीतियों के खिलाफ जरूर हैं लेकिन एक दूसरे के विपक्षी भी माने जाते हैं. यातसेनयुक पूर्व प्रधानमंत्री यूलिया टीमोशेंको के करीबी हैं जो फिलहाल हिरासत में हैं. वहीं क्लिचलो यूक्रेन की जनता के बीच ज्यादा लोकप्रिय हैं.

'चिंताजनक स्थिति'

कीव के अलावा चार अन्य पूर्वी शहरों में भारी प्रदर्शन के कारण पुलिस को लाठी चार्ज और आंसूगैस का इस्तेमाल करना पड़ा. बताया जा रहा है कि घेराबंदी हटाने के लिए ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया गया. इन हिंसक झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं. इस बीच यूरोप भर में यूक्रेन को ले कर चिंता की स्थिति बनी हुई है.

यूरोपीय संघ ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि यूक्रेन में "विश्वास दोबारा तभी स्थापित हो सकेगा" जब सरकार मानवाधिकारों का उल्लंघन करना बंद करे. जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने कहा है कि वह यूक्रेन की स्थिति को ले कर "बहुत चिंतित" हैं और "आने वाला समय ही बताएगा कि यूक्रेन का भविष्य किस दिशा में जा रहा है." पोप फ्रांसिस ने भी अपील की है कि दोनों पक्ष बातचीत कर किसी हल पर पहुंचें.

यूक्रेन में पिछले दो महीने से प्रदर्शन चल रहे हैं जिनमें अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है. रविवार को एक प्रदर्शनकारी की शवयात्रा में तीनों मुख्य विपक्षी नेता भी शामिल हुए. लोगों का गुस्सा सरकार के उस फैसले पर है जिसके तहत यूक्रेन यूरोपीय संघ से दूर और रूस के करीब हो रहा है.

आईबी/एएम (एएफपी, डीपीए)

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