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आपके पत्र

१६ जून २०१०

हमारे बहुत से श्रोता हमारे कार्यक्रमों पर अपने विचार हमें लिख भेजते है, आईये जाने क्या कहते है............

https://p.dw.com/p/NsCw
तस्वीर: AP

आज के कार्यक्रम लाइफ़ लाइन में बीमारियों को ठीक करने वाले ख़ुशबू पर हन्स द्वारा किया गया शोध और ख़ुशबू का शरीर पर होने वाले असर की रोचक जानकारी और साथ ही प्राकृतिक फर्टीलाइज़र्स के महत्व पर बताई गई जानकारी काफी महत्वपूर्ण थी.

संदीप जावले, मारकोनी डी एक्स क्लब, महाराष्ट्र

डॉयचे वेले की हिंदी सेवा केवल एक रेडियो प्रसारण नहीं है, बल्कि भारत और जर्मनी के बीच दोस्ती की पहचान और सेतु भी है. मैंने जर्मनी के बारे में जो कुछ भी जाना है, वह केवल डॉयचे वेले के माध्यम से ही जाना. जर्मन लोग भारत के बारे में क्या सोच रहे हैं, जर्मन हम भारतीयों से कितना प्यार करते हैं, यह सब कुछ डॉयचे वेले हिंदी सेवा के कार्यक्रमों से जानने को मिला है. हम जर्मनी को अपना सब से निकटतम दोस्त और भाई समझते हैं. समाचारों के बाद प्रस्तुत किए जाने वाले सभी कार्यक्रम अपने विषय और शैली के कारण बेहद लोकप्रिय और मनोरंजक सिद्ध हो रहे हैं. मैं आप लोगों का अनुष्ठान नियमित रूप से सुनता हूं. डॉयचे वेले का हिंदी कार्यक्रम मेरे को बहुत आकर्षित करता है. प्रिया द्वारा अंतरा में कॉस्मेटिक्स को लेकर चर्चा, ईरान और भारत तथा दूसरे देशों में कॉस्मेटिक्स के व्यापार के बारे में आलोचना बहुत अच्छा लगा. अनवर द्वारा मैच प्वाइंट में भारत में अर्जेंटीना टीम के समर्थकों को लाकर चर्चा अच्छी लगी. डॉयचे वेले हिंदी अच्छे विषयों पर चर्चा करता है जो बहुत ज्ञानवर्धक होते है और सबसे हटकर होते है. इसके साथ साथ कार्यक्रम को प्रियाजी की आवाज़ और भी मज़बूत करती है.

एजुकेशनल वेबसाइट एलाइंस, जावेद अख्तर, मऊनाथ भंजन, मऊ, उत्तर प्रदेश

महोदय, मैंने 10 जून 2010 को प्रथम बार आपकी वेबसाइट देखी, सच मन प्रसन्‍न हो गया, मुझे इस हिन्दी वेबसाइट के बारे में मेरे अधिकारी श्री आर.के. वासल ने बताया . इसकी ताजा ख़बरें, स्पोर्टस की जानकारी, क्विज ने दिल जीत लिया . मेरा सुझाव है कि जर्मनी के बारे में विस्तृत जानकारी ,इस साइट पर उपलब्ध कराई जाये जैसे, वहां की संस्कृति, त्यौहार, विश्व विद्यालय, ग्रामीण अंचल की तस्वीरें .

आलोक शर्मा, जिला सीवनी,मध्य प्रदेश, इंडिया

लगता है फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप फ़ुट्बाल का जादू हमारे DW पर भी चल गया है, इस अवसर पर हर सप्ताह श्रोताओं के लिए जो पुरस्कारों का पिटारा खुला है वो इस जादू का जीता जागता उदाहरण है, हम उन भाग्यशाली श्रोताओं को दिली धन्यवाद देते हैं जिन्हें पहले साप्ताहिक प्रतियोगिता में पुरस्कार मिला है.

रवि श्रीवास्तव, इलाहाबाद

रिपोर्ट : कवलजीत कौर

संपादन : आभा मोंढे