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आपका पत्र मिला

२१ मई २०१०

उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा में हमारे काफ़ी सारे नियमित श्रोता हैं जो अक्सर कार्यक्रमों पर अपनी प्रतिक्रियाएं और डॉयचे वेले के बारे में अपने विचारों से हमें और आपको रूबरू कराते रहते हैं.

https://p.dw.com/p/NSkl
तस्वीर: DW/Germanistisches Institut Uni Köln

14 मई के खोज में केवल हवा पानी पर जीवित व्यक्ति प्रह्लाद के बारे में जाना. यह एक आश्चर्यजनक बात हैं. जानकारी सचमुच रोचक लगी. इसके अलावा शनि के उपग्रह, जिस पर जीवन के संकेत मिले है, उनके बारे में जाना. जिस गति से धरती पर जनसंख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए जीवन वाला ग्रह खोजना जरूरी भी हैं. जानकारी दिलचस्प और ज्ञानवर्धक लगी.

उमेश कुमार शर्मा, स्टार लिस्नर्स क्लब, नारनौल, हरियाणा

खोज में गुजरात के मेहसाणा ज़िले में रहने वाले और बिना भोजन पानी के जीवित प्रह्लाद जानी के बारे में जानकारी सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ. वास्तव में प्रह्लाद जानी प्रकृति का अद्भुत चमत्कार है. प्रह्लाद जानी की दिनचर्या पर रिसर्च होना चाहिए. यदि इस रहस्य का सही सही पता लग जाये, तो मानव समाज का बहुत बड़ा भला होगा और यह युगांतरकारी घटना होगी. बहर हाल इस दिलचस्प जानकारी के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.

रिसेप्शन उत्तम था.

चुन्नीलाल कैवर्त, ग्रीन पीस डी एक्स क्लब सोनपुरी, टेँगनमाड़ा, बिलासपुर, छत्तीसगढ़

हैलो ज़िन्दगी कार्यक्रम में फैसलाबाद पाकिस्तान के दम मस्त कलन्दर नुसरत फतेह अली खान सहित अन्य प्रसिद्ध पाकिस्तानी कलाकारों के बारे में विस्तार से दी गई जानकारी काफी सुखद लगी, जिन्होनें अपने बेहतरीन और श्रेष्ठ कला का प्रदर्शन करके भारत में काफी नाम कमाया और अपने गीतों से भारत पाक की दूरियों को काफी पाट दिया.

आज 16 मई को प्रसारित जर्मन भाषा कार्यक्रम सुना. आज 41वें अंक से मैनें भी जर्मन भाषा पाठयक्रम सुनना और सीखना शुरू कर दिया हैं. बहुत कठिन भाषा हैं, देखिये जर्मन भाषा सीखने में मुझे सफलता मिल पाती है या नहीं. आपकी बारी आपकी बात से जानकारी मिली कि इसकी कोई पर्याप्त सामग्री श्रोताओं को नहीं भेजी जाती, अगर भेजी जाती तो ज्यादा बेहतर होता. खैर कोई बात नहीं रेडियो पर ही सुन कर हम जर्मन भाषा सीखने का प्रयास करेंगें.

लाइफ़ लाइन में गुणकारी हल्दी और पर्यावरण की रक्षा करने को छत पर बग़ीचे के निर्माण के लिये किए जा रहे सार्थक प्रयास से अवगत हुए, जो बहुत ही जन उपयोगी और स्वास्थ्य के अनुकूल है, जिसे जन जन को अपनाना चाहिए.

तुल कुमार, राजबाग रेडियो लिस्नर्स क्लब, सीतामढ़ी, बिहार.

नदियों की मनोव्यथा

जो मीठा पावन जल देकर हमें सुस्वस्थ बनाती है, जिसकी घाटी और जलधारा सबके मन को भाती है, तीर्थ क्षेत्र जिसके तट पर हैं जिसकी होती है पूजा, वही नर्मदा मां दुखिया सी अपनी व्यथा सुनाती है, पूजा तो करते सब मेरी पर उच्छिष्ट बहाते हैं कचरा, पोलीथीन फेंक जाते हैं जो भी आते हैं, मैल मलिनता भरते मुझ में जो भी रोज नहाते हैं, गंदे परनाले नगरों के मुझ में डाले जाते हैं, जरा निहारो पड़ी गन्दगी मेरे तट और घाटों में सैर सपाटे वालों यात्री! खुश न रहो बस चाटों में मन के श्रद्धा भाव, समाचार सब छपते रहते आये दिन अख़बारों में, ऐसी इस वसुधा को पावन मैं कैसे कर पाउँगी? पाप नाशिनी शक्ति गडक कर विष से खुद मर जाउंगीस मेरी जो छबि बसी हुई है जन मानस के भावों में, धूमिल वह होती जाती अब दूर दूर तक गाँवों में, प्रिय भारत में जहां कहीं भी दिखते साधक सन्यासी, वे मुझ में डुबकी, तर्पण, पूजन, आरती के अभिलाषी, सब तुम मुझको मां कहते, तो मां सा बेटों प्यार करो, घृणित मलिनता से उबार तुम सब मेरे दुख दर्द हरो, सही धर्म का अर्थ समझ यदि सब हितकर व्यवहार करें, तो न किसी को कठिनाई हो, कहीं न जलचर जीव मरे छुद्र स्वार्थ ना समझी से, जब आपस में टकराते हैं इस धरती पर, तभी अचानक विकट बवण्डर आते हैं प्रकृति आज है घायल, मानव की बढ़ती मनमानी से, लोग कर रहे अहित खुद का, अपनी ही नादानी से, ले निर्मल जल, निज क्षमता भर अगर न मैं बह पाउंगी, नगर, गांव, कृषि, वन, जन-मन को क्या खुश रख पाउँगी? प्रकृति चक्र की समझ क्रियायें, परिपोषक व्यवहार करो बुरी आदतें बदलों अपनी, जननी का श्रृंगार करो, बाँटो सबको प्यार, स्वच्छता रखो, प्रकृति का उद्धार करो, जहां जहां भी विकृति बढ़ी है बढ़कर वहां सुधार करो, गंगा, यमुना सब नदियों की मुझ सी राम कहानी है, इसीलिये हो रहा कठिन अब मिलना सबक़ों पानी है. समझो जीवन की परिभाषा, छोड़ो मन की नादानी, सबके मन से हटे प्रदूषण, तो हों सुखी सभी प्राणी!!

प्रो. सी. बी. श्रीवास्तव, जबलपुर, मध्य प्रदेश