आतंक का मुकाबला करेगी विशेष जर्मन पुलिस
१७ दिसम्बर २०१५जर्मनी के गृह मंत्री थोमस डे मेजियेर ने कहा है कि आतंकवाद विरोधी इकाई का गठन पेरिस पर हुए हमले से सबक लेकर किया गया है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जर्मनी पर आतंकी हमलों का खतरा बना रहेगा, "सुरक्षा अधिकारियों को इसके लिए तैयार रहना होगा." बीएफई प्लस संघीय पुलिस की मदद करेगा और विशेष टुकड़ी जीएसजी 9 को बंधक छुड़ाने जैसे कामों के लिए खाली रखेगा.संघीय पुलिस के मुख्यालय ब्लूमबर्ग में 50 पुलिसकर्मियों ने काम करना शुरू कर दिया है. अगले साल और 250 कमांडो की भर्ती होगी जो जर्मनी के विभिन्न ठिकानों पर तैनात होंगे.
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पहले आतंकी हमले समय और इलाके के हिसाब से सीमित होते थे, लेकिन पिछले दिनों में समन्वित आतंकी कार्रवाइयों के मामले बढ़े हैं, जिसमें हमलावर बम हमलों, गोली चलाने और बंधक बनाने जैसी घटनाओं को एक साथ जोड़ रहे हैं. ये कई दिनों तक चलते रह सकते हैं और पूरे के पूरे शहर को जाम कर सकते हैं. अन्य मामलों में बड़ी संख्या में लोगों को बंधक बनाया गया है. पेरिस में 13 नवंबर को हुए हमले और जनवरी में चार्ली एब्दो के दफ्तर पर हुए हमले इसकी मिसाल हैं. 2008 में मुंबई में इस्लामी कट्टरपंथियों ने होटल, कैफे, रेलवे स्टेशन और यहूदी प्रार्थनागृह को एक साथ निशाना बनाया था. 60 घंटे तक चले हमलों में 166 लोग मारे गए थे. इससे पहले मॉस्को के एक थिएटर और बेसलान के स्कूल पर भी आतंकी हमले हुए थे.
आतंकवाद विरोधी पुलिस के लिए सवाल यह है कि क्या उनकी टुकड़ी इस तरह के लंबे समय तक चलने वाले हमलों का मुकाबला करने के लिए तैयार है. जर्मनी में हर प्रांत की पुलिस की विशेष कमांडो टुकड़ी और संघीय पुलिस की कमांडो टुकड़ी जीएसजी 9 है, जिनकी इस तरह के मामलों में कार्रवाई करने की ट्रेनिंग है. इसके अलावा पुलिस की टुकड़ियां इस तरह की घटनाओं का अभ्यास भी कर रही है. 2012 में श्लेस्विष होलश्टाइन की पुलिस ने 800 कमांडो के साथ एक पार्क में बंधक कांड का अभ्यास किया था. लेकिन मौजूदा पुलिस टुकड़ियों की सीमाएं हैं, क्योंकि उन्हें संगठित अपराध के खिलाफ भी कार्रवाई करनी होती है.
इसलिए जर्मन सरकार ने देश भर में उपलब्ध त्वरित तैनाती दस्ता तैयार करने का फैसला किया. बीएफई की इकाइयां प्रांतीय पुलिस के पास भी हैं और वे पुलिस की ऐसी विशेष रूप से प्रशिक्षित टुकड़ियां हैं जो ऐसे खतरनाक मामलों को देखती है जिसके लिए और प्रशिक्षित विशेष टुकड़ी या जीएसजी 9 को बुलाने की जरूरत नहीं है. विशेष साज सामानों से लैस ये कमांडो खतरनाक अपराधियों की गिरफ्तारी में अपने सहकर्मियों की मदद करते हैं. इसके अलावा उन्हें दंगों और छापामारी के दौरान भी तैनात किया जाता है. अब उनमें से कुछ को आतंकवादी हमलों के दौरान तैनाती के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.
एमजे/एसएफ (डीपीए, एएफपी)