बीयर का त्योहार: अक्टूबर फेस्ट
२० सितम्बर २०१४परंपरागत "ओजाफ्ट इस" के हुंकार के साथ पहला पीपा फोड़ा जाएगा और उसके बाद बीयर बह चलेगी. पहला पीपा म्यूनिख के मेयर खोलेंगे. पीपा खोलने के इस परंपरा को देखना भी दिलचस्प होता है और कई लोग तो गिनते हैं कि हथौड़े की कितनी मार के बाद पीपा खुलेगा.
इसके अलावा म्यूनिख और दक्षिणी प्रांत बवेरिया की पारंपरिक पोशाक भी सड़कों पर नजर आने लगेगी. यह खास तौर पर एक लो कट ब्लाउज होता है, जिसे डिर्नडल कहा जाता है. इस अवसर पर चमड़े के पतलून भी खूब नजर आते हैं.
म्यूनिख की छह पुरानी बीयर ब्रूअरी के बीयर खूब चलती है, जिनके लिए कई बार एक एक लीटर के बीयर मग इस्तेमाल किए जाते हैं. पिछले साल लगभग 60 लाख सैलानियों ने 67 लाख लीटर बीयर गटक ली थी. यानि किसी ओलंपिक के स्वीमिंग पूल में जितना पानी होता है, उसका दोगुना. इस परंपरा के दौरान बीयर की कीमतों पर भी विवाद रहता है और आम तौर पर इसकी कीमत प्रति गिलास 10 यूरो के आस पास होती है. बीयर के साथ नमकीन प्रेटजल, डंपलिंग और ग्रिल सॉसेज खाने का भी रिवाज है.
ज्यादातर विदेशी सैलानी इटली और अमेरिका से म्यूनिख का रुख करते हैं. हालांकि इसके बाद भी यहां जमा होने वाले ज्यादातर लोग बवेरिया और इसके आस पास के इलाके के ही होते हैं. उनकी संख्या करीब 70 फीसदी होती है. इस दौरान सेलिब्रिटियों पर खास नजर होती है, जिनके हाथ में बीयर का गिलास होता है और उनकी तस्वीरें अखबारों में छपा करती हैं.
जैसा कि नाम से ही जाहिर है कि अक्टूबरफेस्ट कभी अक्टूबर में हुआ करता था लेकिन बाद में मौसम का फायदा उठाने के लिए इसे सितंबर में किया जाने लगा. यह उत्सव मूल रूप से 1810 में शुरू हुआ, तब इसे बवेरिया के राजकुमार और सैक्सनी हिल्डेनबुर्गहाउजेन की राजकुमारी की शादी का जश्न मनाने के लिए आयोजित किया गया.
यह साल अक्टूबरफेस्ट का 181वां साल है. ऐसा इसलिए है क्योंकि कई बार हैजे जैसी महामारी की वजह से इसे रद्द करना पड़ा था. इसके अलावा इसे दोनों विश्व युद्धों के दौरान भी आयोजित नहीं किया जा सका. 1920 के दशक में जब दुनिया आर्थिक मंदी झेल रही थी, तब भी अक्टूबरफेस्ट नहीं हो पाया.
अब यह इतना लोकप्रिय हो गया है कि दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी ऐसा ही कार्यक्रम आयोजित किया जाने लगा है. चीन, ब्राजील, कनाडा, अमेरिका, रूस और ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसे आयोजन होने लगे हैं. इस साल का अक्टूबरफेस्ट 20 सितंबर से पांच अक्टूबर तक चलेगा.
एए/एजेए (एएफपी)