आखिरी 8 में 8 देश की खिलाड़ी
२ जुलाई २०१३क्वार्टर फाइनल में जिन आठ महिला खिलाड़ियों ने प्रवेश किया, वे सभी आठ अलग अलग देशों की हैं. हालांकि पांच बार की चैंपियन सेरेना की हार इतनी बड़ी रही कि सारी सुर्खियां उन्होंने ही बटोर लीं. उन्हें जर्मनी की जाबीने लिसिकी ने तीन सेटों के संघर्ष में हराया.
दो साल पहले 2011 की विंबलडन चैंपियन चेक गणराज्य की आठवीं वरीयता वाली पेट्रा क्विटोवा और उसी साल फ्रेंच ओपन जीतने वाली चीन की ली ना ही इस बात को जानती हैं कि ग्रैंड स्लैम जीतने पर कैसा अहसास होता है. बाकी की छह खिलाड़ियों के लिए यह तजुर्बा बिलकुल नया है.
टूर्नामेंट के शुरू में ही मारिया शारापोवा की हार और बाद में चोट की वजह से विक्टोरिया अजारेंका के हट जाने के बाद लग रहा था कि सेरेना विलियम्स आसानी से अपने छठे विंबलडन और 17वें ग्रैंड स्लैम को हासिल कर लेंगी लेकिन उनकी हार के बाद अब सारे समीकरण बदल गए हैं.
क्विटोवा को बेल्जियम की कर्सटिन फ्लिपकेंस से भिड़ना है, जबकि ली को पोलैंड की अगनीस्का रडवांस्का से खेलना है. पिछले साल फाइनल में हारने वाली रडवांस्का पर अब सबकी नजरें हैं, हालांकि वह खुद ज्यादा उम्मीद नहीं लगा रही हैं, "इसका कोई मतलब नहीं है. यहां अजीबोगरीब नतीजे आ रहे हैं."
उधर, जर्मन खिलाड़ी लिसिकी को सेरेना को हराने का तोहफा यह मिलेगा कि उन्हें क्वार्टर फाइनल में सबसे आसान मुकाबले में भिड़ना होगा. उन्हें एस्टोनिया की काई कानेपी से मुकाबला करना है. लिसिकी की जीत पर भले ही चौंकाने वाले बयान आ रहे हैं लेकिन उन्होंने पहले भी चार बार क्वार्टर फाइनल में जगह पाई है.
हालांकि सेरेना पर जीत को वह कुछ खास मानती हैं, "इससे बहुत अच्छा लग रहा है. जाहिर है कि मैं जब मैच खेलने जा रही थी, तब भी सोच रही थी कि मैं जीतने जा रही हूं."
अब अमेरिका को 20 साल की स्लोवाने स्टेफेंस पर उम्मीद करनी होगी, जिन्हें फ्रांस की मारियन बारटोली से मैच खेलना है.
एजेए/एनआर (रॉ़यटर्स, एएफपी)